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300 नक्सलियों को उनके गढ़ में घुसकर जवानों ने खदेड़ा

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। जिला पुलिस दल के सी-60 कमांडों ने नक्सलियों का गढ़ माने जानेवाले अबुझमाड़ में घुसकर नक्सलियों का कैम्प नष्ट करते हुए करीब 300 नक्सलियों को खदेड़ दिया। वहीं एक नक्सली को मार गिराने में सफलता प्राप्त की है। इसलिए जाबांज सी-60 कमांडों के कार्यों की जिले में सराहना की जा रही है।
यहां बता दें कि, महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमा पर बसा अबुझमाड़ क्षेत्र में नक्सलियों का गढ़ माना जाता है। इस क्षेत्र में नक्सलियों का सेंट्रल कमेटी मेंबर सोनु ऊर्फ भूपति किसी बड़ी हिंसक घटना को अंजाम देने के लिए षडयंत्र रच रहा था। इस मामले की जानकारी जिला पुलिस दल के सी-60 कमांडों को मिली। जिसके आधार पुलिस जवानोंं ने नक्सलियों के कैम्प पर हमला बोल दिया। काफी देर तक चली मुठभेड़ में पुलिस जवानोंं ने एक नक्सली को मार गिराने में सफलता हासिल की।
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बता दें कि, मुठभेड़ के दौरान करीब 200 से 300 नक्सलियों के उपस्थित होने की जानकारी मिली है। इसके बावजूद सी-60 कमांडों ने अपने शौर्य का परिचय देते हुए नक्सलियों को घटनास्थल से भागने पर मजबूर कर दिया। इस घटना के बाद पुलिस जवान वापस लौट रहे थे। इसी बीच फोदेवाड़ा जंगल में नक्सलियों ने दोबारा पुलिस जवानों पर हमला बोला। पुलिस जवानोंं ने नक्सलियों को मुंहतोड़ जबाव देते हुए नक्सलियों को दोबारा भागने पर मजबूर किया।
नक्सलियों की साजिश हुई नाकाम
जिला पुलिस अधीक्षक शैलेश बलकवडे के मार्गदर्शन में सी-60 कमांडों द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की जा रही है। उनके नेतृत्व में जवानों ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया और नक्सलियों के इरादों पर पानी फेर दिया।
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कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।