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मनसुख की हत्या में शामिल था पुलिस इंस्पेक्टर माने, कोर्ट में एनआईए का दावा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। एंटीलिया के बाहर विस्फोटक रखने और कारोबारी मनसुख हिरेन की हत्या के मामले में गिरफ्तार निलंबित पुलिस अधिकारी सुनील माने को बुधवार को विशेष एनआईए कोर्ट में पेश किया गया जहां से उसे 1 मई तक राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की हिरासत में भेज दिया गया। एनआईए के वकील प्रकाश शेट्टी ने अदालत को बताया कि माने से अभी मामले में उसकी भूमिका को लेकर पूछताछ की जानी है इसलिए उसकी हिरासत बढ़ाई जानी चाहिए।
वकील ने अदालत को बताया कि अब तक की जांच में खुलासा हुआ है कि माने हिरन की हत्या में शामिल था। शेट्टी ने अदालत को बताया कि एनआईए ने इस मामले में अब तक जिन आरोपियों और गवाहों के बयान दर्ज किए हैं उससे साफ है कि हिरेन की हत्या के वक्त माने मौजूद था। उसने हिरन का फोन लेकर उसे बंद किया और एक बैग में रख लिया। माने और मामले के मुख्य आरोपी सचिन वाझे ने फर्जी नाम से फोन कर हिरन को पूछताछ के नाम पर बुलाया था।
एडवोकेट शेट्टी ने अदालत में कहा कि वाझे और माने बाद में हिरेन का फोन वसई ले गए, जहां उसे चालू किया। जिससे लगे कि हिरेन वसई में थे। वहीं माने के वकील आदित्य गोरे ने यह कहते हुए हिरासत बढ़ाने का विरोध किया कि माने जांच में सहयोग कर रहे हैं इसलिए उन्हें हिरासत में रखकर पूछताछ की जरूरत नहीं है। माने के वकील ने यह भी कहा कि एनआईए मामले में माने और दूसरे आरोपियों के हिरासत में दिए बयानों पर भरोसा कर रही है, लेकिन अदालत में इसे सबूत नहीं माना जा सकता। इस मामले में एनआईए ने वाझे, माने के अलावा निलंबित एपीआई रियाजुद्दीन काजी, निलंबित कांस्टेबल विनायक शिंदे और नरेश गोर नाम के बुकी को गिरफ्तार किया है। मामले में जल्द ही कुछ और आरोपियों को भी गिरफ्तार किया जा सकता है।
Created On :   28 April 2021 9:04 PM IST