आइसक्रीम के 10 रुपए ज्यादा लेने के खिलाफ पुलिस अधिकारीने पांच साल तक लड़ी कानूनी लड़ाई 

Police officer fought legal battle for five years against gave 10 rupees more for ice cream
आइसक्रीम के 10 रुपए ज्यादा लेने के खिलाफ पुलिस अधिकारीने पांच साल तक लड़ी कानूनी लड़ाई 
आइसक्रीम के 10 रुपए ज्यादा लेने के खिलाफ पुलिस अधिकारीने पांच साल तक लड़ी कानूनी लड़ाई 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। आइसक्रीम के पैक के लिए कूलिंग चार्ज के नाम पर 10 रुपए ज्यादा लेने वाले एक होटल के खिलाफ मुंबई पुलिस के सहायक पुलिस निरीक्षक ने पांच साल कानूनी लड़ाई लड़ी और आखिरकार अपने 10 रुपए हासिल कर लिए। यही नहीं होटल को 2 लाख 15 हजार रुपए का जुर्माना भी भरने का आदेश दिया गया है। मुंबई सेंट्रल जंक्शन इलाके स्थित शगुन वेज रेस्टारेंट पर यह जुर्माना लगाया गया है। कानूनी लड़ाई जीतकर रेस्टारेंट प्रबंधन को सबक सिखाने वाले एपीआई भास्कर जाधव ने बताया कि मैं 8 जून 2014 को पुलिस स्टेशन से घर जाने के लिए निकला, तो मेरी बेटी ने फोन कर आईसक्रीम लाने को कहा। मेरे घर पर मेहमान भी आए थे इसलिए मैं शगुन रेस्टारेंट गया और वहां से आईसक्रीम का फैमिली पैक देने को कहा। होटल मैनेजर ने मुझे आईसक्रीम का पैकेट दिया और उसके लिए 175 रुपए मांगे। एक्सपायरी डेट की जांच के दौरान जाधव की नजर कीमत पर गई, तो उन्होंने देखा कि उसपर 165 रुपए मूल्य लिखा है। जाधव ने मैनेजर का ध्यान इस पर खींचा, तो उसने कहा कि आइसक्रीम ठंडी करने के लिए 10 रुपए अतिरिक्त लिए जाते हैं। जाधव ने विरोध किया, लेकिन मैनेजर ने पैसे वापस देने से इनकार कर दिया। जाधव ने बताया कि मैंंने बिल ले लिया, लेकिन मैं रेस्टारेंट के इस मनमाने रवैये से हैरान था। मैं अक्सर वहां जाता था और वे लोग जानते थे, मैं पुलिसकर्मी हूं इसके बावजूद ज्यादा पैसे वसूले गए, तो आम लोगों के साथ ये लोग क्या करते होंगे। 

उपभोक्ता अदालत ने होटल पर 2 लाख 15 हजार का लगाया जुर्माना

जाधव ने बताया कि इसलिए मैंने उपभोक्ता अदालत में शिकायत करने का फैसला किया। मेरे लिए भले ही 10 रुपए ज्यादा मायने नहीं रखते हों, लेकिन मैंने सोचा कि कितने गरीब लोग भी होंगे, जिनसे रेस्टारेंट इसी तरह ठगी करते होंगे। जाधव ने एक्टिविस्ट प्रकाश सेठ की मदद से उपभोक्ता अदालत में इसकी शिकायत की। करीब पांच साल की कानूनी लड़ाई के बाद उपभोक्ता अदालत ने रेस्टारेंट को दो लाख रुपए ग्राहक कल्याण निधि में जमा करने, मानसिक परेशानी के लिए जाधव को 10 हजार रुपए का भुगतान करने और कानूनी लड़ाई के खर्च के लिए पांच हजार रुपए देने का निर्देश दिया है। साथ ही वसूले गए अतिरिक्त 10 रुपए भी 45 दिन के भीतर वापस करने के निर्देश दिए गए हैं। शगुन रेस्टारेंट को यह भी निर्देश दिया गया है कि वह भविष्य में वह किसी सामान के लिए पैकेट पर छपे मूल्य से ज्यादा पैसे न वसूले। पांच साल की कानूनी लड़ाई के दौरान जाधव पीएसआई से एपीआई के पद पर पहुंच गए हैं और मौजूदा समय में मुंबई के वडाला टीटी पुलिस स्टेशन में तैनात हैं। जाधव ने कहा कि आम तौर पर लोग इन छोटी छोटी चीजों का विरोध नहीं करते और कुछ लोग इसी का फायदा उठाते हैं। यह लड़ाई मैंने अपने लिए नहीं बल्कि लोगों के लिए लड़ी थी। उम्मीद है इस फैसले के बाद दूसरे दुकानदार इस तरह की हरकत नहीं करेेंगे।  

Created On :   26 Aug 2020 9:40 PM IST

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