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पुलिस ने शुरु की 400 लोगों को फर्जी कोरोना टीका लगाने की जांच
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महानगर के कांदिवली इलाके में एक निजी सोसायटी के करीब 400 लोगों को कथित रूप से फर्जी कोरोना वैक्सीन लगाए जाने की शिकायतों की पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। निजी अस्पताल के साथ मिलकर हीरानंदानी हेरिटेज सोसायटी में आयोजित कैंप में 30 मई को 390 लोगों ने टीका लगवाया था। इसके लिए इसके लिए प्रति व्यक्ति 1260 रुपए लिए गए थे। आम तौर पर टीके लगने के बाद लोगों में बुखार, बदनदर्द जैसे लक्षण दिखते हैं लेकिन किसी को कोई परेशानी नहीं हुई। इसके चलते लोगों को संदेह हुआ कि उन्हें लगाया गया टीका असली था या नकली। यही नहीं कोविन पोर्टल में जिन लोगों का टीकाकरण हुआ था उनका नाम नहीं दिखा। बाद में लोगों को जो प्रमाणपत्र मिले वह किसी और अस्पताल के नाम पर थे। इसके चलते संदेह बढ़ा और मामले की शिकायत पुलिस से की गई। डीसीपी विशाल ठाकुर ने बताया कि मामले की शिकायत मिली है। फिलहाल एफआईआर नहीं दर्ज की गई है और किसी को हिरासत में भी नहीं लिया गया है। शिकायत के आधार पर प्राथमिक जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस में की गई शिकायत में सोसायटी ने जानकारी दी है कि टीकाकरण के बाद कोविन एप पर टीके लगाने वालों का विवरण नहीं मिला और उन्हें दूसरे अस्पतालों के नाम पर सर्टिफिकेट मिले। आशंका जताई गई है कि वैक्सीन नकली हुई तो लोगों को स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानी हो सकती है, इसलिए मामले की जल्द जांच जरूरी है। इस तरह की गड़बड़ी कहीं और न हो इसलिए भी जांच की जरूरत है। जिस व्यक्ति ने टीकाकरण का आयोजन किया था उसने दावा किया था कि वह अंधेरी इलाके में स्थित एक बड़े अस्पताल का प्रतिनिधी है। लेकिन टीके लगवाने वालों को नानावटी अस्पताल, लाइफलाइन अस्पताल, नेस्को कोविड कैंप के नाम पर सर्टिफिकेट मिले तो वे हैरान हो गए। नानावटी अस्ताल ने मामले में बयान जारी कर सफाई दी गई है कि उनकी ओर से कोई कैंप नहीं आयोजित किया गया था। कैंप लगाने वाले संजय गुप्ता नाम के व्यक्ति ने लोगों को भुगतान की रसीद नहीं दी और उसने महेंद्र सिंह नाम के व्यक्ति को भुगतान करने को कहा था। स्थानीय भाजपा विधायक योगेश सागर ने भी मामले की जांच की मांग की है।
Created On :   16 Jun 2021 8:32 PM IST