तकनीक के इस्तेमाल से पारदर्शी हुआ पुलिस का कामकाज, हाईकोर्ट में सरकार का दावा

Polices work became transparent with the use of technology- Govt
तकनीक के इस्तेमाल से पारदर्शी हुआ पुलिस का कामकाज, हाईकोर्ट में सरकार का दावा
तकनीक के इस्तेमाल से पारदर्शी हुआ पुलिस का कामकाज, हाईकोर्ट में सरकार का दावा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य  सरकार ने बांबे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि तकनीक के इस्तेमाल से ट्रैफिक पुलिस के कामकाज में पारदर्शिता लाई गई है। इससे पुलिस की गतिविधियों पर नजर रखने में भी मदद मिली है। सरकारी वकील ने पुलिस कांस्टेबल सुनील टोके की ओर से दायर जनहित याचिका के जवाब में हलफनामा दायर कर कोर्ट को यह जानकारी दी है। याचिका में टोके ने दावा किया था कि ट्रैफिक पुलिस में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है। ट्रैफिक पुलिसकर्मी निर्माण कार्य में लगनेवाली सामाग्री की अवैध रुप से ढुलाई करनेवाले ट्रकों से पैसे लेते हैं। अवैध रुप से चलनेवाले आटोरिक्शा व टैक्सी चालकों से वसूली की जाती है। अवैध पार्किंग के नाम पर पैसे लिए जाते है। नशे में वाहन चलानेवाले वाहनचालकों को रिश्वत लेकर छोड़ दिया जाता है। इसलिए इस मामलें में जांच के बाद उचित कार्रवाई के निर्देश दिया जाए। 

सोमवार को यह याचिका न्यायमूर्ति आरवी मोरे व न्यायमूर्ति सुरेंद्र तावडे की खंडपीठ के सामने सुनवाई के लिए आयी। इस दौरान हलफनामे के जरिए दावा किया गया कि नियमों का उलंघन करनेवाले वाहन चालकों से जुर्माने की वसूली के लिए ई-चलान की व्यवस्था बनाई गई है। जिसमें आनलाइन जुर्माना भरने की व्यवस्था है। 

नौ लाख 20 हजार ई-चालान

साल 2016 से अब तक नौ लाख 20 हजार ई-चलान जारी किया गया है। इससे नौ लाख 20 हजार 668 रुपए के जुर्माने की वसूली की गई है। मुंबई में फिलहाल पांच हजार चार सौ आठ कैमरे लगाए गए हैं। गति नियंत्रण के लिए स्पीडगन कैमरे लगाए गए हैं। जल्द ही सौ पुलिस कर्मियों को बॉडी कैमरा वितरित किया जाएगा। जिससे पुलिसकर्मियों की हलचल व गतिविधियों पर नजर रखी जा सकेगी। इस तकनीक के इस्तेमाल से मानव हस्तक्षेप कम हो जाएगा और पुलिस का कामकाज पारदर्शी होगा। हलफनामे में कहा गया है कि दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच की गई जिसके तहत उनका तबादला व निलंबन भी किया गया है। 

सार्वजनिक स्थलों पर बस, ट्रक व दूसरे बड़े वाहनों की पार्किंग को रोकने के लिए विशेष अभियान शुरु किया गया है। पुलिस चौकियों में खड़ी पुरानी गाडियों को हटाया जाएगा और टोइंग वैन की पार्किंग के लिए जगह उपलब्ध कराई जाएगी। अवैध पार्किंग की शिकायत के लिए आनलाइन व्यवस्था बनाई गई है। ट्रैफिक पुलिस के कामकाज को पारदर्शी बनाने को लेकर सरकार की ओर लिए गए निर्णयों की जानकारी के बाद खंडपीठ ने टोके की याचिका को समाप्त कर दिया। 

Created On :   3 Feb 2020 9:25 PM IST

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