10 अगस्त से राज्य में पॉलीटेक्निक प्रवेश प्रक्रिया, अब संकाय अलग-अलग होने पर भी मिल सकेगी छात्रवृत्ति 

Polytechnic admission process in the state from August 10
10 अगस्त से राज्य में पॉलीटेक्निक प्रवेश प्रक्रिया, अब संकाय अलग-अलग होने पर भी मिल सकेगी छात्रवृत्ति 
10 अगस्त से राज्य में पॉलीटेक्निक प्रवेश प्रक्रिया, अब संकाय अलग-अलग होने पर भी मिल सकेगी छात्रवृत्ति 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य में शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के लिए तकनीकी शिक्षा (पॉलीटेक्निक) प्रथम वर्ष के डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश प्रक्रिया 10 से 25 अगस्त के बीच होगी। शुक्रवार को प्रदेश के उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने यह जानकारी दी। सामंत ने कहा कि विद्यार्थियों की सुविधा के लिए राज्य में इंजीनियरिंग डिप्लोमा के प्रवेश के लिए 336 सुविधाएं सुविधा केंद्र और कक्षा 12 वीं के बाद डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के लिए 242 सुविधा केंद्र का चयन किया गया है। कोरोना संकट के चलते विद्यार्थियों के लिए सुविधा केंद्र में जाकर दस्तावेजों के जांच करवाने और ई-स्क्रूटनी पद्धति अपनाई जाएगी। ई-स्क्रूटनी पद्धति से आवेदन भरने वाले विद्यार्थियों को सुविधा केंद्र में जाने की आवश्यकता नाही है। विद्यार्थी आवेदन भरने से लेकर संस्था में प्रवेश निश्चित करने तक की सभी प्रक्रिया स्वतः ऑनलाइन के माध्यम से कर सकेंगे। सामंत ने बताया कि प्रवेश संबंधी सुविधा केंद्र की सूची, ई-स्क्रूटनी पद्धति और आवेदन भरने की जानकारी और हेल्पलाइन नंबर वेबसाइट http://www.dtemaharashtra.gov.in/ पर उपलब्ध है। 

स्नातक और स्नातकोत्तर की संकाय अलग-अलग होने पर भी मिल सकेगी छात्रवृत्ति- मुंडे

वहीं राज्य में स्नातक करने वाले अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को विदेश में स्नातकोत्तर के लिए किसी दूसरे संकाय के चुनने पर भी राज्य सरकार की ओर से छात्रवृत्ति दी जाएगी। राज्य सरकार ने स्नातक करके विदेश में पढ़ने के लिए जाने वाले अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को स्नातकोत्तर के लिए एक ही संकाय चुनने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। प्रदेश के सामाजिक न्याय व विशेष सहायता मंत्री धनंजय मुंडे ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। मुंडे ने कहा कि अभी तक राज्य में अनुसूचित जाति के विद्यार्थी ने जिस संकाय में स्नातक करते थे उन्हें विदेश में पढ़ने के लिए उसी संकाय में दाखिला लेना पड़ता था। इससे विद्यार्थियों को सरकार की ओर से दी जाने वाली छात्रावृत्ति का लाभ नहीं मिल पाता था। लेकिन अब  स्नातक करके विदेश में पढ़ने के लिए विद्यार्थी किसी दूसरे संकाय में दाखिला ले सकते हैं। मुंडे ने कहा कि स्नातकोत्तर में दाखिला लेने वाले 35 वर्ष तक के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति का फायदा मिल सकेगा। जबकि जबकि पीएचडी के लिए विद्यार्थियों की आयु सीमा 40 वर्ष निश्चित की गई है। मुंडे ने कहा कि चालू शैक्षणिक वर्ष के लिए विदेश में पढ़ने के लिए विद्यार्थी 14 अगस्त तक आवेदन कर सकेंगे। कोरोना संकट में विद्यार्थी ऑनलाइन अथवा ईमेल से आवेदन कर पाएंगे। सरकार ने समाज कल्याण आयुक्तालय को इस संबंध में निर्देश दिए हैं। 

Created On :   7 Aug 2020 9:52 PM IST

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