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यौन उत्पीड़न के आशय के बगैर नहीं लगा सकते पाक्सो - हाईकोर्ट ने आरोपी को दी अग्रिम जमानत
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने नाबालिग को अनुचित रुप से स्पर्श करने व कपड़े फाड़ने के आरोप में गिरफ्तारी की आशंका से ग्रसित एक आरोपी को अग्रिम जमानत दी है। हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले को लेकर दर्ज की गई एफआईआर से आरोपी का पीड़िता के यौन उत्पीड़न का इरादा नजर नहीं आता है। इसलिए आरोपी को 25 हजार रुपए के मुचलके पर जमानत दी जाती है। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि जब तक आरोपी का पीड़िता के यौन उत्पीड़न का आशय सामने नहीं आता है तब तक आरोपी के खिलाफ पाक्सो कानून की धारा 7 के तहत यौन उत्पीड़न का मामला नहीं दर्ज किया जा सकता है।
न्यायमूर्ति भारती डागरे ने आरोपी ओमकार गायकवाड की ओर से दायर किए गए अग्रिम जमानत पर सुनवाई के दौरान यह बात कही। मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद न्यायमूर्ति ने पाया कि आरोपी व शिकायतकर्ता के घरवालों के बीच दुकान के लीव एंड लाइसेंस को लेकर विवाद था। शिकायत में आरोपी पर जबरन घर में घूसकर शिकायतकर्ता के माता पिता के साथ बदलूकी करने का आरोप है। शिकायतकर्ता ने आरोपी पर अपनी 17 वर्षीय छोटी बहन के कपड़े फाड़ने व अनुचित तरीके से स्पर्श करने का आरोप लगाया है। यह शिकायत नाबिलग की बड़ी बहन ने दर्ज कराई है। जिसमें उसने आरोपी पर खुद व बहन के साथ छेड़छाड करने तथा यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था।
न्यायमूर्ति ने कहा कि इस मामले को लेकर आरोपी के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर से आरोपी का शिकायतकर्ता के यौन उत्पीड़न का इरादा नजर नहीं आता है। इस मामले से जुड़ी बाकी आरोप मुकदमे की सुनवाई के दौरान परखे जाएंगे पर फिलहाल आरोपी अग्रिम जमानत के लिए पात्र नजर आ रहा है। इसलिए उसे जमानत दी जाती है।
Created On :   2 Dec 2020 9:31 PM IST