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राज्य के 128 चिल्ड्रन होम में लगे CCTV, 856 अभी बाकी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पूरे राज्य के चिल्ड्रन होम्स में सीसीटीवी कैमरे लगाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अब तक राज्य के 993 चिल्ड्रन होम्स में 128 ऐसे हैं, जहां सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गए हैं। सरकारी वकील हितेन वेणेगावंकर ने बांबे हाईकोर्ट को यह जानकारी दी है। हाईकोर्ट में बाल सुधारगृहों की स्थिति सुधारने की मांग को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है। याचिका में मुख्य रुप से बाल न्याय कानून 2015 को लागू करने की मांग की गई है। इसके साथ ही ‘सवित्री’ नाम का एप बनाने की मांग की गई है। जिसमें बच्चों और महिलाओं से जुड़ी सरकारी योजनाओं की जानकारी अपलोड की जा सके।
कोर्ट में दी इसकी जानकारी
जस्टिस मृदुला भाटकर व जस्टिस रेवती मोहिते ढेरे की खंडपीठ के सामने इस मामले की सुनवाई चल रही है। सुनवाई के दौरान सरकारी वकील वेणेगांवकर ने कहा कि राज्य भर में 993 बाल सुधारगृह हैं। इसमें 128 सुधारगृहों को सीसीटीवी कैमरे से लैस किया जा चुका है। एक बाल सुधारगृह को सीसीटीवी कैमरे से लैस करने में पांच हजार रुपए खर्च होते हैं। इस बात को जानने के बाद खंडपीठ ने कहा कि शेष बाल सुधारगृहों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम दो महीने के भीतर पूरा किया जाए।
6 माह में तैयार होगा मोबाईल एप
सवित्री एप तैयार करने के मुद्दे पर पूछे गए सवाल के जवाब में सरकारी वकील ने कहा कि एप के लिए चार करोड 39 लाख रुपए आवंटित किए गए हैं। एप शुरु होने में अभी 6 महीने का समय लगेगा। इस बात को जानने के बाद खंडपीठ ने सरकारी वकील से कहा कि बाल न्याय से जुड़े संबंधित नियमों को वेबसाइट पर अपलोड किया जाए। यह वेबसाइट सार्वजनिक होनी चाहिए। जिससे लोग अपने सुझाव सरकार के पास भेज सके। हाईकोर्ट ने फिलहाल इस मामले की सुनवाई 31 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी है।
Created On :   18 Oct 2017 8:13 PM IST