प्रोफेसर उपाध्याय ने अपने ग्रंथ की प्रथम प्रति राष्ट्रपति को भेंट की

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
 मुंबई विश्वविद्यालय प्रोफेसर उपाध्याय ने अपने ग्रंथ की प्रथम प्रति राष्ट्रपति को भेंट की

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मुंबई विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रोफेसर करुणाशंकर उपाध्याय ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर उन्हें अपनी हाल ही प्रकाशित किताब "जयशंकर प्रसाद महानता के आयाम' की प्रथम प्रति भेंट की। इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री एवं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ रमेश पोखरियाल निशंक और हिलायन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ राजेश नैथानी मौजूद रहे। इस मौके पर डॉ निशंक ने कहा कि प्रोफेसर उपाध्याय द्वारा जयशंकर प्रसाद जैसे महान रचनाकार पर यह 30-32 वर्षों के श्रम के बाद लिखा है, जो रचनाकार के साथ न्याय करने वाला है। यह सुनने के बाद राष्ट्रपति ने कहा कि हमें अपने साहित्य को विश्व में फैलाने के लिए इसी तरह से बड़ा एवं गंभीर कार्य करना चाहिए। डॉ उपाध्याय ने प्रसाद साहित्य में निहित भारत बोध, अस्मिता-बोध, दर्शन, ज्ञान-विज्ञान, अंतर्दृष्टि-विश्व दृष्टि, संगीत एवं कलात्मक उत्कर्ष का वस्तुपरक विश्लेषण किया है। उपाध्याय के अनुसार प्रसाद सांस्कृतिक चैतन्य से भरे हुए कलाकार हैं जो मानवीय जीवन की सार्थकता आनंद प्राप्ति में ढूंढते है। इनका दार्शनिक चिंतन रागपरक रहस्य चेतना के रूप में प्रकट हुआ है।
 

Created On :   20 Dec 2022 9:31 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story