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‘भारत वन’ क्षेत्र में 18 मीटर चौड़ी सड़क निर्माण का प्रस्ताव खारिज, नहीं मिली पेड़ काटने की अनुमति
डिजिटल डेस्क, नागपुर। ‘भारत वन’ के सैकड़ों पेड़ों पर से आफत की छाया हट गई है। मेट्रो ने पत्र जारी कर कहा है कि पीकेवी अंतर्गत ‘भारत वन’ क्षेत्र में 18 मीटर चौड़ी सड़क के निर्माण की अब जरूरत नहीं रह गई है। मेट्रो की ओर से जारी पत्र में इसका कारण मनपा की ओर से पेड़ काटने की अनुमति नहीं मिलने और फुटाला पर टनल रोड बनाने की योजना रद्द किया जाना बताया गया है।
डेवलपमेंट प्लान से भी हटाने की मांग करेंगे
जानकारी के अनुसार, इस मामले को लेकर शहर में पूरे साल चले आंदोलन को महापौर संदीप जोशी ने काफी गंभीरता से लिया। केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी से महापौर जोशी ने इस संबंध में बात कर स्थिति से अवगत कराया। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने तुरंत मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के व्यवस्थापकीय संचालक बृजेश दीक्षित से बात की, जिसके बाद यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। है। इस मामले को आंदोलन का रूप देने में अहम भूमिका निभाने वाले मानद वन्यजीव वार्डन जयदीप दास के अनुसार अब ‘भारत वन’ में सड़क निर्माण की योजना को डेवलपमेंट प्लान से भी हटाई जानी चाहिए। पश्चिम नागपुर के विधायक विकास ठाकरे ने कहा कि नागरिकों की मांग के कारण वे सड़क निर्माण योजना को डेवलपमेंट प्लान से भी हटाने की मांग करेंगे।
अब तक 36 पेड़ों का ट्रांसप्लांटेशन, अधिकतर फेल
मेट्रो की ओर से अब तक कुल 36 पेड़ों का ट्रांसप्लांटेशन किया गया है। इसमें से 15 पेड़ मिहान में नवनिर्मित आवासीय कॉलोनी में और 21 पेड़ सीताबर्डी स्थित पटवर्धन हाईस्कूल में ट्रांसप्लांट किए गए थे। इनमें से अधिकतर पेड़ मर चुके हैं। दो या तीन पेड़ों में ही जीवन के चिह्न शेष दिख रहे हैं। ‘भारत वन’ में प्रस्तवित सड़क निर्माण के लिए रास्ते में आ रहे सभी पेड़ों को मेट्रो ने ट्रांसप्लांट करने का वादा किया था। ट्रांसप्लांटेशन के पूरी तरह से असफल रहने के कारण मनपा ने उन्हें अनुमति देने से इनकार कर दिया, जिसके बाद मेट्रो ने अपने कदम पीछे खिंचे।
फैसले पर अपनी-अपनी प्रतिक्रिया
‘भारत वन’ में प्रस्तावित सड़क नहीं बनाने का फैसला नागरिकों की जीत है। इससे साबित होता है कि अगर गंभीरता और दृढ़ निश्चय से किसी मामले को उठाया जाए तो अथॉरिटी भी उस पर गंभीरता से विचार करती है।
-जयदीप दास, मानद वन्यजीव वार्डन
मेट्रो रेल प्रशासन द्वारा दो जगह ट्री ट्रांसप्लांटेशन किया गया। दोनों जगह यह फेल हो चुका है। इसके बाद मनपा ने ट्रांसप्लांटेशन की अनुमति देने से इनकार कर दिया। मजबूरन मेट्रो को पीछे हटना पड़ा। नागपुर शहर के लिए यह अच्छा निर्णय है। -कौस्तुभ चटर्जी, संस्थापक, ग्रीन विजिल फाउंडेशन
सड़क निर्माण की योजना पीडब्ल्यूडी विभाग की थी। मेट्रो पीडब्ल्यूडी की योजना के अनुसार कार्य कर रहा था।
-अखिलेश हलवे, मेट्रो पीआरओ
कोर्ट में है मामला
‘भारत वन’ में 200 बड़े पेड़ और 500 छोटे पेड़ों को काटे जाने के खिलाफ जयदीप दास की पहल पर नागपुर खंडपीठ ने मामले पर स्टे लगा दिया है। जयदीप दास के अनुसार जब तक संबंधित विभाग कोर्ट में हलफनामा दायर कर योजना रद्द होने की जानकारी नहीं देता, मामला समाप्त नहीं होगा।
Created On :   15 Jan 2020 1:30 PM IST