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विदेशों की तर्ज पर कपिलधारा और सोनमूड़ा में कांच के पुल बनाने का प्रस्ताव
डिजिटल डेस्क शहडोल अनूपपुर। आने वाले 2 वर्षों में पवित्र नगरी अमरकंटक का स्वरूप पूरी तरह से बदल जाएगा। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा प्रशाद योजना के तहत 49 करोड़ 98 लाख रुपए अमरकंटक के विकास के लिए दिए गए हैं। गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रह्लाद सिंह पटेल मौजूदगी में योजना के तहत होने वाले विकास कार्यों का शिलान्यास किया।
इस दौरान मिनी स्मार्ट सिटी योजना के तहत 8.01 करोड़ लागत से हुए विकास कार्यों का लोकार्पण तथा 24.92 करोड़ की लागत के विभिन्न विकास कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण भी किया गया। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा नर्मदा एवं सोन नदी के उद्गम क्षेत्र में दर्शनार्थियों की सुविधा एवं पर्यटन के विकास के लिए कार्य कराए जाएंगे। विकास कार्यों को 2 वर्ष में अमलीजामा पहनाया जाएगा। इसका क्रियान्वयन मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा किया जाएगा। इस दौरान खाद्य, नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहूलाल सिंह, पर्यटन मंत्री सुश्री उषा बाबू सिंह ठाकुर, आदिम जाति कल्याण मंत्री सुश्री मीना सिंह एवं शहडोल सांसद हिमाद्रि सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
38.23 लाख की लागत से लगेगा फिल्टर प्लांट, रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगाएगा उद्गम स्थल
योजनांतर्गत नर्मदा उद्गम मंदिर में 4.12 करोड़ रुपए की लागत से सौंदर्यीकरण, संरक्षण एवं दर्शनार्थियों की सुविधा के कार्य किए जाएंगे। कुंड के जल शुद्धिकरण के लिए 38.23 लाख लागत का फिल्टर प्लांट एवं ग्रैविटी फिल्टर बेड लगेगा। 12.11 लाख से सोलर पैनल लगाया जाएगा। नर्मदा उद्गम मंदिर एवं कल्चुरी मंदिर परिसर में 1 करोड़ 62 लाख की लागत से मोनोक्रोमैटिक लाइटिंग की जाएगी। परिक्रमा वासियों के लिए 55.33 लाख की लागत से किचन एवं भोजन परिसर व्यवस्था होगी। इसके अलावा लैंडस्केपिंग, प्रवेश द्वार एवं परिसर के सौंदर्यीकरण के कार्य 17 करोड़ 72 लाख की लागत से किए जाएंगे। सोनमुड़ा एवं कपिलधारा में 75 लाख रुपए की लागत से व्यू प्वाइंट का कार्य किया जाएगा।
नर्मदा महोत्सव पर किया कटाक्ष
गत वर्ष तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ की उपस्थिति में नर्मदा महोत्सव की शुरुआत की गई थी जिस पर कटाक्ष करते हुए शिवराज सिंह ने कहा कि नर्मदा महोत्सव के नाम पर हुड़दंग महोत्सव किया गया था जिसका परिणाम भी जल्द ही सामने आ गया। नर्मदा पुत्रों की उपेक्षा और हुड़दंग का परिणाम यह निकला कि सरकार ही चली गई। जिसकी रूपरेखा भी नर्मदा महोत्सव में ही तय हो गई थी। इस वर्ष भी नर्मदा महोत्सव का आयोजन किया जाएगा किंतु उसका स्वरूप धार्मिक और सांस्कृतिक होगा जिसके लिए उन्होंने कलेक्टर को निर्देशित किया कि कार्य योजना बनाकर अवगत कराएं।
Created On :   22 Jan 2021 6:09 PM IST