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सरकार की ओर से केन्द्र को नहीं भेजा गया धनगर को एसटी में शामिल करने संबंधी प्रस्ताव
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र में धनगर समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) में शामिल करने की मांग भले ही लंबे समय से हो रही हो, लेकिन राज्य सरकार की ओर से केन्द्र सरकार को इस संबंध में प्रस्ताव अब तक भेजा ही नहीं गया है। केन्द्रीय जनजातीय कार्य राज्यमंत्री रेणुका सिंह सरुता ने धनगर समुदाय के विभिन्न मसलों को लेकर आयोजित बैठक में यह जानकारी दी। दरअसल, केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता राज्यमंत्री रामदास आठवले की अगुवाई में बुधवार को यहां डॉ आंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में धनगर समाज के विभिन्न मसलों को लेकर एक बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में केन्द्रीय जनजातीय कार्य राज्यमंत्री रेणुका सिंह सरुता, सांसद विकास महात्मे, विधायक राजेश पवार, गणेश हाके, व्यंकटेश मोकले समेत मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक आदि राज्यों के प्रतिनिधी और आदिवासी मंत्रालय के अधिकारी मौजूद थे।
इस दौरान सांसद विकास महात्मे ने कहा कि महाराष्ट्र में अनुसूचित जनजातियों की सूची में 36वें स्थान पर धनगर के बजाय धनगड शब्द लिखा है। लिहाजा पिछले 70 साल से धनगर समुदाय का नुकसान हो रहा है। हालांकि प्रदेश की पिछली भाजपा सरकार ने धनगर और धनगड एक ही शब्द होने बाबत अदालत में हलफनामा दायर किया है। इस आधार पर राज्य में धनगर को आरक्षण दिया जाना चाहिए। इसके जवाब में केन्द्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि किसी भी जनजाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने के लिए संबंधित क्षेत्र के लोकप्रतिनिधि और प्रदेश सरकार से केन्द्र को प्रस्ताव भेजना होता है। केन्द्र सरकार को इस आशय की मांग के संदर्भ में किसी से भी अब तक कोई प्रस्ताव प्राप्त ही नहीं हुआ है।
प्रधानमंत्री से करेंगे मुलाकात
बैठक में धनगर समुदाय को एसटी में शामिल करके उन्हें आरक्षण देना, राजमाता अहिल्याबाई होलकर का दिल्ली में स्मारक, छात्रों के लिए छात्रावास का निर्माण आदि मांगे रखी गई। केन्द्रीय राज्यमंत्री आठवले ने बैठक में मौजूद प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि वे इन मांगों के संबंध में एक धनगर समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल की प्रधानमंत्री से मुलाकात करवायेंगे
Created On :   10 Feb 2021 9:20 PM IST