एक शख्स घर बैठे बना रहा था विस्फोटक, पकड़ाया तो बताया शौंक

Pune police arrested accused and recovered explosive from his house
एक शख्स घर बैठे बना रहा था विस्फोटक, पकड़ाया तो बताया शौंक
एक शख्स घर बैठे बना रहा था विस्फोटक, पकड़ाया तो बताया शौंक

डिजिटल डेस्क, पुणे। ग्रामीण पुलिस ने आलेफाटा के पिंपलवड़ी गांव में छापा मार कार्रवाई करते हुए एक शख्स को गिरफ्तार कर उसके घर से विस्फोटक बरामद किए। जहां बम बनाने की सामग्री और बड़े पैमाने पर हथियार पाए गए थे, लेकिन आरोपी ने जो पुलिस को कारण बताया वो अंदेशा व्यक्त कर रहा है। आरोपी ने पुलिस को पूछताछ के दौरान बताया कि महज शौंक के लिए हथियार और बम बनाने की कोशिश की जा रही थी। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार राजाराम किसन अभंग, उम्र 60 साल को गिरफ्तार किया गया है। उसके घर से बम बनाने के लिए तैयार किए हुए चार स्ट्रक्चर पाईप, दो इलेक्ट्रिक गन मशीन, गन पावडर, कागज में रखा पावडर, दो तलवारें, दो भाले, 59 डेटोनेटर, जिसमें 4 इलेक्ट्रिक और 55 नॉन इलेक्ट्रिक के अलावा स्विच, मोटर, बैटरी, हेल्मेट जैसी चीजें जब्त कर ली गई है। जब पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और इस पूछताछ की, तब उसने जो जवाब दिया उसे सुनकर पुलिस हैरान हो गई। उसने बताया कि महज शौक के कारण टीवी में देखकर उसने हथियार और बम बनाने की कोशिश की थी। उसका इरादा किसी पर हमला करने का नहीं था। 

2003 में भी बम बनाकर किया था धमका

पत्नी के चरित्र पर शक कर अभंग ने वर्ष 2003 में बम बनाया था और अपनी बाइक से लगाकर उसका धमाका करवाया था। इसमें उसकी पत्नी और गांव के कुछ छोटे बच्चे घायल हुए थे। घटना को लेकर नारायणगांव पुलिस थाने में उसके खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया गया था। वो तीन साल येरवड़ा जेल में बंद रहा। वर्ष 2006 को उसे मामले में बाइज्जत बरी किया गया था। उसकी पत्नी और दो बेटे उसके पास नहीं रहते हैं। उसने बम बनाने का प्रशिक्षण कहां से लिया, वाकई वह महज शौक के लिए यह सब कर रहा था, या कोई साजिश की कोशिश थी, मामले की गहरी जांच पुलिस कर रही है।  
    
समाजसेवक बना फिर रहा था 32 साल से फरार आरोपी

उधर मुंबई की अपराध शाखा ने 32 साल से फरार एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। हैरानी की बात यह है कि अवैध हथियार रखने का आरोपी मुंबई के अंधेरी इलाके में समाजसेवक बनकर रह रहा था। उसे इलाके में लोग भाऊ के नाम से जानते थे। गिरफ्तार आरोपी का नाम शिवाजी शिंदे है। शिंदे और उसके एक साथी को मुंबई पुलिस ने साल 1985 में अवैध पिस्तौल के साथ गिरफ्तार किया था। मामले की 1997 से चल रही सुनवाई के दौरान आरोपी हाजिर नहीं हुआ जिसके बाद अदालत ने उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। इसके बाद से ही पुलिस आरोपी के तलाश रही थी। पुलिस को आरोपी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिल पा रही थी। उसका पता भी अधूरा था। लेकिन खबरी से मिली सूचना के आधार पर अपराध शाखा ने शिंदे को दबोच लिया। अंधेरी पूर्व इलाके में शिंदे अपने पूरे परिवार के साथ रह रहा था। शुरूआत में शिंदे ने पुलिस को गुमराह करने की काफी कोशिश की और उसने दावा किया कि वह फरार आरोपी नहीं है। लेकिन पुलिस ने उसके खिलाफ कई ठोस सबूत इकठ्ठा किए जिसके बाद उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। कोर्ट में पेशी के बाद आरोपी को पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। 
 

Created On :   3 April 2019 6:26 PM IST

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