26 साल बाद रद्द हुई तीन महीने की सजा, जानिए क्या था वाक्या

Punishment of 3 months cancelled after 26 year, know the matter
26 साल बाद रद्द हुई तीन महीने की सजा, जानिए क्या था वाक्या
26 साल बाद रद्द हुई तीन महीने की सजा, जानिए क्या था वाक्या

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कई बार मामूली बात बड़ी बन जाती है और इंसान इसमें इतना उलझ जाता है कि निकलने में लंबा समय लग जाता है इसी तरह का एक वाक्या सामने आया जिसमें फैक्ट्री में मारपीट करने के आरोप में तीन महीने की सजा को रद्द कराने के लिए एक आरोपी को 26 साल लग गए। कार्यस्थल पर पंचिग को लेकर हुए विवाद में ठाणे के मैजिस्ट्रेट कोर्ट ने आरोपी अरुण म्हात्रे को आफिस में हंगामा करने के आरोप में तीन महीने के कारावास की सजा सुनाई थी। आरोपी पर अपने साथियों के साथ मिलकर 29 अक्टूबर 1992 को कंपनी के सहायक प्रबंधक के साथ मारपीट करने का आरोप था।

आरोपी ने बांबे हाईकोर्ट में दी थी चुनौती
बता दें कि मैजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश के खिलाफ आरोपी ने सत्र न्यायालय में अपील की थी। सत्र न्यायालय ने भी आरोपी की सजा को बरकरार रखा था। इसके बाद आरोपी ने सत्र न्यायालय के फैसले को बांबे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। जस्टिस मुदुला भाटकर के सामने आरोपी की अपील पर सुनवाई हुई। इस दौरान आरोपी के वकील ने दावा किया कि मेरा मुवक्किल कोई कुख्यात अपराधी नहीं है। उसकी आपराधिक पृष्ठभूमि भी नहीं है। वह मजदूर के रुप में  फैक्ट्री में काम करता है। इसके अलावा अधिकारी को झड़प के दौरान सधारण चोट लगी है। इसलिए मेरे मुवक्किल को गई सजा को रद्द कर दिया जाए। वहीं सरकारी वकील ने निचली अदालत के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि भले ही आरोपी की सजा को रद्द कर दिया जाए पर उसके दोष को कायम रखा जाए।

मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस ने कहा कि यह 26 साल पुराना मामला है। पीड़ित को कोई गंभीर चोट नहीं लगी है। इसलिए आरोपी को दी गई सजा को रद्द कर जुर्माने को बरकरार रखा जाता है।। सुनवाई के दौरान आरोपी जमानत पर रिहा था। 

Created On :   5 Jan 2019 6:26 PM IST

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