नाबालिग के यौन शोषण के मामले में शिक्षक और मुख्य अध्यापिका की सजा बरकरार

Punishment to teachers unchanged in sexual exploitation case of minor
नाबालिग के यौन शोषण के मामले में शिक्षक और मुख्य अध्यापिका की सजा बरकरार
नाबालिग के यौन शोषण के मामले में शिक्षक और मुख्य अध्यापिका की सजा बरकरार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म के एक मामले में दोषी स्कूल शिक्षक और मुख्य अध्यापिका को सुनाई दस साल की सजा को बरकरार रखा है। निचली अदालत ने दोनों को सुनाई थी। न्यायमूर्ति एसएस शिंदे व न्यायमूर्ति अजय गड़करी ने शिक्षक दत्ता जाधव व मुख्य अध्यापिका वनिता पाटील की अपील को खारिज करते उन्हें दी गई सजा को यथावत रखा है। अपने फैसले में खंडपीठ ने यौन शोषण का शिकार हुई छात्रा की सहपाठियों की गवाही को अह्म माना है।  

खंडपीठ ने कहा कि शिक्षक विद्यार्थियों का नाम सिर्फ संरक्षक होता है बल्कि उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी उसी की होती है। लेकिन इस मामले में आरोपी शिक्षक ने जो कृत्य किया है वह काफी घिनौना है। इसके अलावा अभियोजन पक्ष शिक्षक पर लगे आरोपों को साबित करने में विफल रहा है। इसलिए आरोपियों को दी गई सजा को बरकरार रखा जाता है। बचाव पक्ष के वकील ने दावा किया था कि इस मामले को लेकर दर्ज की शिकायत गलत है। क्योंकि शिकायत काफी देरी से दर्ज कराई गई है। 

 

Created On :   8 Nov 2018 2:39 PM GMT

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