कार को ठोकर लगने के चलते झगड़ा किया, प्रायश्चित स्वरुप आश्रम में काम करने दिया निर्देश

Quarreled due to stumbling car, instructed to work in the ashram as atonement
कार को ठोकर लगने के चलते झगड़ा किया, प्रायश्चित स्वरुप आश्रम में काम करने दिया निर्देश
हाईकोर्ट कार को ठोकर लगने के चलते झगड़ा किया, प्रायश्चित स्वरुप आश्रम में काम करने दिया निर्देश

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सड़क में ट्रैफिक होने के कारण कार को ठोकर मारने की वजह से हुए झगड़े के चलते दर्ज हुए आपारधिक मामले को बांबे हाईकोर्ट ने रद्द तो कर दिया है पर मामले से जुड़े आरोपी व शिकायतकर्ता को दो माह तक हर रविवार को पछतावे के रुप में आश्रम में काम करने  का निर्देश दिया है। प्रकरण से जुड़े आरोपी मोहसीन खान ने मामले को लेकर पुलिस में दर्ज आपराधिक मामले को रद्द  करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में आरोपी खान ने दावा किया था कि उसने शिकायतकर्ता के साथ अपने विवाद को सुलझा लिया है। इसलिए मेरे खिलाफ काशिमिरा पुलिस स्टेशन में भारतीय  दंड  संहिता की  धारा 324,143,147,149 व 504 के तहत दर्ज आपराधिक मामले को रद्द कर दिया जाए। 

याचिका व मामले से जुड़े तथ्यों  पर गौर करने  के बाद न्यायमूर्ति पीबी वैराले व न्यायमूर्ति अनिल किलोर की खंडपीठ ने पाया कि एक निजी कंपनी में कार्यरत शिकायतकर्ता 21 अक्टूबर 2020 को अपनी कार से काम पर जा  रहे  थे। सड़क में काफी ट्रैफिक था। जिसके चलते उनकी कार ने उनके आगे जा रही सैंट्रो  कार को  टक्कर मार  दी। इसके बाद खान व शिकायतकर्ता  के  बीच कहासूनी शुरु हो गई। इस  दौरान  खान ने अपने दोस्तों को भी घटनास्थल पर बुला लिया। फिर झगड़ा शुरु हो गया। अंधेरी निवासी  शिकायतकर्ता ने मामले को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता ने कहा कि वे सारी बातों को ठीक से समझ नहीं पाए थे। इसलिए उन्होंने शिकायत दर्ज कराई थी अब मैंने अपने विवाद को निपटा लिया है। इसलिए यदि शिकायत को रद्द किया जाता है तो उन्हें  कोई आपत्ति नहीं है। 

शांतिधाम आश्रम में काम करने का दिया निर्देश

इस तरह  खंडपीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद व सुप्रीम कोर्ट  के  फैसले पर गौर करने के बाद कहा कि इस तरह की शिकायत को प्रलंबित रखने का कोई मतलब नहीं है। क्योंकि इससे पहले से ही मकदमों के बोझतली दबी आपराधिक मामलों की सुनवाई करनेवाली अदालतों में मुकदमों की संख्या बढेगी।  इसलिए इस मामले को रद्द किया जाता है। इस दौरान आरोपी व शिकायतकर्ता ने कहा कि वे पछतावे के रुप में समाज सेवा करना चाहते है। इसके बाद खंडपीठ ने मामले से जुड़े आरोपी व शिकायतकर्ता को  महानगर के बोरीवली स्थित शांतिधाम आश्रम में दो माह तक हर रविवार  को सुबह दस बजे से दोपहर दो बजे तक काम करने को  कहा। खंडपीठ ने आश्रम के प्रमुख को आरोपी व शिकायतकर्ता को काम देने को कहा है और उन्हें(आरोपी व शिकायतकर्ता) काम को लेकर प्रमाणपत्र पेश करने को कहा। यदि यह प्रमाणपत्र नहीं पेश किया जाएगा तो मामले को लेकर कोर्ट की ओर से आपराधिक मामले को रद्द करने का दिया आदेश अपने आप निरस्त हो जाएगा। 

 

Created On :   8 Jan 2022 8:07 PM IST

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