राणे ने कहा मेरे धैर्य की सीमा टूटने से पहले बनादें मंत्री, शिवसेना पर लगाए गंभीर आरोप

Rane said before the breakdown of my patience, make me minister
राणे ने कहा मेरे धैर्य की सीमा टूटने से पहले बनादें मंत्री, शिवसेना पर लगाए गंभीर आरोप
राणे ने कहा मेरे धैर्य की सीमा टूटने से पहले बनादें मंत्री, शिवसेना पर लगाए गंभीर आरोप

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कांग्रेस छोड़कर नई पार्टी महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष बनाकर एनडीए में शामिल हुए पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे का मंत्री पद का इंतजार लंबा खींचता चला जा रहा है, साथ ही अब उनका धैर्य भी जवाब देता दिखाई दे रहा है। शुक्रवार को राणे ने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को चाहिए कि वे मेरी सहनशीलता खत्म होने से पहले मुझे मंत्री बना दें। राणे ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री से मुलाकात करने वाला हूं। मैं उनसे कहूंगा कि मेरे इंतजार की भी एक सीमा है। मेरी सहनशीलता खत्म हो, उससे पहले मुझे राज्य मंत्रिमंडल में शामिल कीजिए। यह पूछे जाने पर कि तीन महीने से ज्यादा समय बीतने के बावजूद आखिर अभी तक मंत्री पद क्यों नहीं मिला? जवाब में राणे ने कहा कि आपको (मीडिया) को क्यों दुख हो रहा है। इससे पहले नागपुर के शीतकालीन सत्र के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा था कि राणे को राज्य मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा। हालांकि मुख्यमंत्री ने यह साफ नहीं किया कि राणे को मंत्रिमंडल में कब शामिल किया जाएगा। 


18 गावों की जनता कर रही ग्रीन रिफायनरी का विरोध 

इसके अलावा नारायण राणे ने कोकण में लगने वाले ग्रीन रिफायनरी का विरोध करते हुए इसके लिए शिवसेना को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि पैसों के लिए कोकण को भस्म करने की योजना है।शुक्रवार राणे ने कहा कि कोकण को लेकर शिवसेना की हमेशा से दोहरी भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि हम यह परियोजना नहीं लगने देंगे। इस संबंध में मैं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से बात करुंगा। मुझे पता है कि मुझे किसके पास जाना है। राणे ने कहा कि 18 गावों की जनता ग्रीन रिफायनरी का विरोध कर रही है। उन्होंने कहा कि जिस जगह पर यह रिफायनरी लगाई जानी है, वहां पर 7 लाख आम और 2 लाख काजू के पेड़ हैं। दुनियाभर में प्रसिद्ध देवगड आम के बाग भी यहीं पर हैं। इसके अलावा इस रिफायनरी से समुद्र से मछली पकड़ना भी प्रभावित होगा। राणे ने कहा कि राज्य के उद्योग मंत्री व केंद्र में भारी उद्योग मंत्री शिवसेना के ही हैं। यदि उद्धव ठाकरे इस परियोजना के विरोध में हैं, तो उनके मंत्रियों ने यह प्रस्ताव क्यों मान्य किया और जमीन अधिग्रहण को मंजूरी क्यों दी।


वालम को मातोश्री पर बुलाकर धमकी देने का आरोप

राणे ने कहा कि इस परियोजना का विरोध करने वाले अशोक वालम को धमकी दी जा रही है। वालम को एक पत्र दिया गया है, जिसमें लिखा है कि इतने पैसे मिलेंगे कि सात पीढ़ी बैठ कर खा सकती है। उनकी पत्नी के खिलाफ भी मामले दर्ज कराए गए हैं। वालम को मातोश्री पर बुलाकर धमकी दी जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि शिवसेना के पदाधिकारी दलाली कर रहे हैं। 

Created On :   19 Jan 2018 2:50 PM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story