सेवा की मिसाल : जिनका कोई नहीं होता उनके शवों का पूरे विधि-विधान से ये करते हैं अंतिम संस्कार

Ranjit Basak funeral of unclaimed dead body in shahdol
सेवा की मिसाल : जिनका कोई नहीं होता उनके शवों का पूरे विधि-विधान से ये करते हैं अंतिम संस्कार
सेवा की मिसाल : जिनका कोई नहीं होता उनके शवों का पूरे विधि-विधान से ये करते हैं अंतिम संस्कार

डिजिटल डेस्क, शहडोल। आज लोगों के पास अपनों के लिए भी समय नहीं है। वृद्धाश्रम में बुजुर्गों की संख्या बढ़ती जा रही है, तो कुछ लोग गली-गली की ठोकर खा रहे होते हैं। पूरा परिवार होते हुए भी अंतिम यात्रा के लिए चार कंधे नसीब नहीं होते हैं। ऐसे ही लावारिस शवों के अंतिम संस्कार का बीड़ा उठाया है शहर के वार्ड नंबर 24 में रहने वाले रंजीत बसाक ने। 
कर चुके हैं 1500 लावारिस शवों का पूरे विधि-विधान से अंतिम संस्कार 

टाइपिंग और फोटो कॉपी की दुकान चलाने वाले रंजीत अब तक करीब 1500 लावारिस शवों का पूरे विधि-विधान से अंतिम संस्कार कर चुके हैं। रंजीत ने अपने खर्च पर न सिर्फ लावारिस शवों के अंतिम संस्कार का बीड़ा उठा रखा है वरन लावारिस शवों को लाने शव वाहन भी रखा है। इसमें पेट्रोल, ड्राइवर का पूरा खर्च वे स्वयं ही उठाते हैं। नगर से 25 किलोमीटर की दूरी तक उनका वाहन शव लेने के लिए जाता है। इसी तरह शव रखने के लिए उन्होंने फ्रीजर भी  खरीदा है। जरूरत पड़ने पर लोग इसे ले जाते हैं, जिसका ये कोई शुल्क नहीं लेते। बस जरूरतमंदों को फ्रीजर अपने वाहन में ले जाना होता और बाद में पहुंचाना होता है। रंजीत अपने द्वारा किये जा रहे इस कार्य को लेकर बताते हैं कि करीब 28-29 साल पहले एक 70 वर्षीय बुजर्ग के निधन के दौरान मैंने देखा कि पड़ोस वाले व परिचितजन अंतिम संस्कार के लिए नपा को फोन कर मदद मांग रहे हैं। मैं अंदर तक हिल गया। उस समय मेरी उम्र 27-28 साल रही होगी।

इनके लिए स्वर्ग है तो यहीं है 

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में जबकि लोगों के पास अपनों के लिए भी समय नहीं है, शहडोल में 2 ऐसी शख्सियतें भी हैं जिन्होंने अपना तन, मन, धन और दिन का करीब एक चौथाई समय उन लोगों व कामों के लिये लगा रखा है, जिसे करने के पहले लोगों को कई बार सोचना पड़ता है। इन शख्सियतों में से एक हैं शहडोल की पुरानी बस्ती में छोटी सी परचूनी व सब्जी की दुकान चलाने वाले कैलाश गुप्ता और दूसरे हैं टाइपिंग व फोटो कॉपी की दुकान चलाने वाले वार्ड नंबर 25 में रहने वाले रंजीत वसाक। 
 

Created On :   12 Aug 2019 8:13 AM GMT

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