रेप पीडि़त गर्भवती बालिका को जिला अस्पताल में नहीं मिला इलाज - रास्ते में प्रसव, कलेक्टर ने मांगी रिपोर्ट

Rape victim pregnant girl did not get treatment in district hospital - delivery on the way, collector asked for report
रेप पीडि़त गर्भवती बालिका को जिला अस्पताल में नहीं मिला इलाज - रास्ते में प्रसव, कलेक्टर ने मांगी रिपोर्ट
रेप पीडि़त गर्भवती बालिका को जिला अस्पताल में नहीं मिला इलाज - रास्ते में प्रसव, कलेक्टर ने मांगी रिपोर्ट

डिजिटल डेस्क शहडोल । जिला चिकित्सालय में एक बार फिर असंवेदनशीलता का मामला सामने आया है। दुष्कृत्य पीडि़त एक गर्भवती 12 वर्षीय बालिका को इलाज नहीं मिला। यहां इलाज करने की बजाय रीवा के लिए रेफर कर दिया गया, रास्ते में देवलोंद के पास उसका प्रसव हुआ। इसके बाद देवलोंद अस्पताल में उपचार करने से हाथ खड़ा कर लिया गया। थकहार कर परिजनों ने जच्चा बच्चा को रीवा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया। इस प्रकार की असवंदेनशीलता व लापरवाही को कलेक्टर ने गंभीरता से लेते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा सिविल सर्जन से संयुक्त रिपोर्ट मांगी है।
ये है मामला
जानकारी के अनुसा
र गोहपारू थाना क्षेत्र अंतर्गत गांव की निवासी बालिका के साथ एक युवक ने डरा धमकाकर दुष्कृत्य किया था। डरी सहमी बालिका ने किसी को नहीं बताया। जब वह गर्भवती हुई तब घरवालों को पता चला। पुलिस में शिकायत के बाद उसका उपचार कराने पुलिस के साथ पहले गोहपारू अस्पताल ले गए जहां जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया। यहां आने के बाद पता चला कि गायनिक विभाग में कोई विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं है। रीवा के लिए रेफर बना दिया गया। रास्ते में देवलोंद के पास प्रसव होने के बाद स्थानीय चिकित्सालय से कहा गया कि जहां के लिए रेफर है वहीं जाओ। बताया गया है कि रीवा में दोनेां को भर्ती कराकर इजाज कराया जा रहा है।
यह पहला मामला नहीं
जिला चिकित्सालय के गायनिक विभाग से विशेषज्ञ चिकित्सकों के निलंबन के बाद रोज ही ऐसी आमनवीयता सामने आ रही है। कुछ दिन पहले भी उमरिया जिले के पाली क्षेत्र से रेफर होकर आई गर्भवती महिला का इलाज करने की बजाय रीवा के लिए रेफर कर दिया गया। आर्थिक रूप से कमजोर परिजनों को चंदा करके शहर में ही निजी अस्पताल में उसका इलाज कराना पड़ा। सात माह के गर्भ से महिला मवेशी चराते समय गिर कर घायल हुई थी। कुल मिलाकर जिला चिकित्सालय के गायनिक विभाग का इलाज भगवान भरोसे भी नहीं चल रहा है। इस ओर कोई भी गंभीरता से न तो ध्यान दे रहा है और न ही पहल हो रही है। परेशानी गरीब व आम मरीजों को ही भोगना  पड़ रहा है।
होगी कठोर कार्रवाई
यह अमानवीयता व असंवेदशीलता के साथ घोर लारवाही है। ऐसा नहीं होना चाहिए। इस मामले में सीएमएचओ व सीएस से संयुक्त रिपोर्ट मांगी है, इसके बाद कठोर कार्रवाई की जाएगी।
ललित दाहिमा, कलेक्टर
 

Created On :   27 Nov 2019 9:31 AM GMT

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