रश्मि शुक्ला मामला : सीबीआई 11 जून तक राज्य सरकार से नहीं मांगेगी दस्तावेज

Rashmi Shukla case: CBI will not ask for documents from the state government till June 11
रश्मि शुक्ला मामला : सीबीआई 11 जून तक राज्य सरकार से नहीं मांगेगी दस्तावेज
रश्मि शुक्ला मामला : सीबीआई 11 जून तक राज्य सरकार से नहीं मांगेगी दस्तावेज

डिजिटल डेस्क,मुंबई।सीबीआई ने बॉम्बे हाईकोर्ट को आश्वस्त किया है कि वह 11 जून 2021 तक महाराष्ट्र सरकार को भेजे गए उस पत्र को लेकर कोई कार्रवाई नहीं करेंगी। जिसमें सीबीआई ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला की शिकायत में किए गए दावे के आधार पर राज्य के पुलिस विभाग में तबादले व तैनाती में भ्रष्टाचार होने के दावे से जुड़े दस्तावेज मांगे हैं। मंगलवार को सीबीआई की ओर से पैरवी कर रहे एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति एस एस शिंदे की खंडपीठ के सामने कहा कि सीबीआई ने पहले 9 जून 2021 तक कार्रवाई न करने का आश्वासन दिया था। जिसे वह 11 जून तक बढ़ा रही है। 

हाईकोर्ट में राज्य सरकार की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है। राज्य सरकार ने यह याचिका राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपो को लेकर सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर को लेकर दायर की है। याचिका में मांग की गई है कि सीबीआई को पुलिस विभाग के तबादले व तैनाती से जुड़े मामले की जांच करने से रोका जाए। इसके अलावा सीबीआई को बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाझे कि पहले हुई सेवाबहाली से जुड़े पहलू की भी जांच करने से रोका जाए। याचिका में दावा किया गया है कि सीबीआई ने यह एफआईआर  राज्य सरकार को अस्थिर करने के इरादे से की  है। सीबीआई हाईकोर्ट के आदेश के बाद 21 अप्रैल 2021 को देशमुख के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। 

इधर पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने भी हाई कोर्ट में अलग से याचिका दायर की है। जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की है। खंडपीठ को बताया गया है इस याचिका पर 10 जून को सुनवाई रखी गई है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि हम 10 जून को दोनों याचिका पर एक साथ सुनवाई करेंगे। इस बीच न्यायमूर्ति शिंदे ने कहा कि यदि उनकी बातों से अधिवक्ता जयश्री पाटिल को मानसिक ठेस पहुंची है तो इसका उन्हें खेद है।  मैंने उनसे सुनवाई के दौरान सिर्फ सवाल पूछे थे। पाटिल ने पिछले माह न्यायमूर्ति शिंदे के खिलाफ मुख्य न्यायाधीश के पास शिकायत की थी। जिसे सुनवाई के दौरान अधिवक्ता पाटिल ने वापस लेने की बात कही । 

Created On :   8 Jun 2021 9:40 PM IST

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