शुभम का नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज, पद्म बकासन का उत्कृष्ट प्रदर्शन

Record for the longest stay in this position of Padma Bakasan
शुभम का नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज, पद्म बकासन का उत्कृष्ट प्रदर्शन
शुभम का नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज, पद्म बकासन का उत्कृष्ट प्रदर्शन
हाईलाइट
  • अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में राजस्थान के कोटा शहर में योग स्पर्धा आयोजित किया गया।
  • पद्म बकासनमें सबसे ज्यादा समय तक ठहरने का रिकार्ड अचलपुर के शुभम पीहुलकर ने हासिल किया।
  • शुभम पीहुलकर का गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज हुआ है।

डिजिटल डेस्क, अचलपुर(अमरावती)। हाल ही मेंं अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में राजस्थान के कोटा शहर में आयोजित योग स्पर्धा में पद्म बकासन के इस आसन में सबसे ज्यादा समय तक ठहरने का रिकार्ड अचलपुर के शुभम पीहुलकर ने हासिल किया। जिसके चलते शुभम पीहुलकर का गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज हुआ है। कांडली शहर में रहनेवाले शुभम को प्रशिक्षक संतोष चंदेल नियमित रूप से योग का प्रशिक्षण दे रहे है। राजस्थान के कोटा शहर में योगासन रिकार्ड के लिए उसने अपना नाम दर्ज कराया था।

योगासन रिकार्ड स्पर्धा के लिए देशभर से ४ से ५ हजार योग खिलाड़ी शामिल हुए थे। इस योगासन स्पर्धा में सूर्यनमस्कार, जलयोग, कपालभाती, प्राणायाम, गर्भासन जैसे अलग-अलग योगासन आयोजित किए गए थे। इस स्पर्धा में 101 अलग-अलग रिकार्ड दर्ज कराए गए। शुभम ने अपना योगासन 3 मिनट तक बरकरार रखते हुए गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड प्राप्त किया। शुभम ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता तथा प्रशिक्षक को दिया है।



पद्म बकासन के हैं भिन्न प्रकार 
बता दें कि पद्म बकासन में आने का एक अन्य मार्ग वृक्षासन के द्वारा है। वृक्षासन में आएं और टांगों को कमल की मुद्रा में ले आएं। वजन को हाथों पर ले आएं जिससे कि सिर का दबाव हट जाए। सिर को थोड़ा-सा पीछे करें और घुटनों को कोहनियों पर ले आएं। कोहनियों को थोड़ा और सीधा करें। सामान्य श्वास लेते हुए एक नियत बिन्दु पर चित्त एकाग्र करें। धीरे-धीरे प्रारंभिक स्थिति में लौट आएं।

यह हैं लाभ 
वैसे तो यह आसन अवसाद कम करने में सहायक है। रक्तचाप को बढ़ाता है एवं शारीरिक व मानसिक संतुलन बनाने में सहायक है। यह आसन बाहों, कंधों एवं गुर्दे को शक्ति देता है। कंधों, कोहनी एवं कलाई के जोड़ों को स्थिर करता है। पाचन-तंत्र व अग्नाश्य को विनियमित करता है।

नुकसान भी हैं
उच्च रक्तचाप या कोमल नसों की समस्या होने पर इस आसन का अभ्यास नहीं करें।

Created On :   25 Jun 2018 8:23 AM GMT

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