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वाझे की ही है बरामद मर्सिडीज बेंज, फडणवीस बोले - NIA करे हीरेनकांड हत्या की जांच
डिजिटल डेस्क, मुंबई। अंबानी धमकी मामले में बरामद की गई मर्सिडीज बेंज कार सचिन वाझे की ही है इस बात की पुष्टि हो गई है। एनआईए की टीम को तलाशी के दौरान वाझे के बैग से गाड़ी से जुड़े कागजात मिले हैं, जिससे पता चलता है कि उसने कार्स 24 वेबसाइट से इसे इसी साल जनवरी महीने में खरीदा था। एनआईए को कार की चाबी भी मिल गई है। कार के पहले मालिक ने भी इसे कार्स 24 को बेंचने की जानकारी दी है। वहीं सीआईयू में तैनात एपीआई रियाज काजी से लगातार चौथे दिन एनआईए की टीम पूछताछ कर रही है। सीआईयू में तैनात तीन कांस्टेबलों से भी पूछताछ की जा रही है। एनआईए सचिन वाझे को लेकर उन ठिकानों पर जा रही है, जहां-जहां वह अपराध के दौरान गया था। एनआईए की टीम बुधवार शाम वाझे को लेकर माहिम सी फेस पर पहुंची थी यहां से उसे ठाणे स्थित उस साकेत सोसायटी में ले जाया गया जहां वाझे परिवार के साथ रहता है। एंटीलिया के बाहर बरामद हुई विस्फोटक लदी स्कॉर्पियो कार को वाझे ने गाड़ी चोरी की झूठी शिकायत लिखे जाने के बाद साकेत सोसायटी में ही खड़ी की थी। बाद में सीआईयू के पुलिसकर्मियों की मदद से सोसायटी में लगे सीसीटीवी फुटेज हासिल कर उसे नष्ट भी कर दिए गए थे। एनआईए की टीम उसे अपराध से जुड़े दूसरे ठिकानों पर भी ले जाएगी।
एनआईए करे हीरेन की हत्या की जांच - फडणवीस
महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेन्द्र फडणवीस ने मनसुख हिरेन के हत्या के मामले में महाविकास अघाड़ी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच का संबंध उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीला के पास मिली जेलेटिन की छड़ों से है लिहाजा इसकी जांच भी एनआईए द्वारा की जानी चाहिए। भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए फडणवीस ने कहा कि इस मामले में राज्य की एटीएस का रवैया निराशाजनक रहा है। उन्होंने संदेह जताते हुए कहा कि यह एक बड़ी साजिश का हिस्सा है। जिसके जरिए सरकार में बैठे प्रभावशाली लोगों को बचाने की कोशिश की गई है। उन्होंने कहा कि क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट के प्रमुख एपीआई सचिन वाझे इसमें शामिल रहे हैं, लेकिन वह केवल एक मोहरा हैं। असल में तो सरकार और शिवसेना में बैठे लोग उन्हें ऑपरेट कर रहे थे। फडणवीस ने मांग की कि एनआईए की जांच के माध्यम से इस हत्याकांड और सचिन वाझे के पीछे छिपकर काम करने वाले लोगों का पर्दाफाश होना चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सचिन वाझे और शिवसेना का काफी करीबी नाता रहा है। यही वजह है कि उगाही के आरोप में सस्पेंड होने वाले वाझे को उद्धव ठाकरे सरकार ने कोरोना काल की आड़ में फिर से बहाल किया और पीआई को हटाकर एपीआई होने के बावजूद उसे क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट का प्रमुख भी बनाया गया। दरअसल उसे वसूली अधिकारी के तौर पर बैठाया गया था। फडणवीस ने कहा कि 2018 में जब मैं मुख्यमंत्री था तब भी वाझे की बहाली के लिए कई बार मुझपर दबाव बनाया गया। तब उद्धव ठाकरे ने खुद इसके लिए मुझे फोन किया था और शिवसेना के मंत्रियों ने भी संपर्क किया था।
मुम्बई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के तबादले के सवाल पर फडणवीस ने कहा कि वाझे सीधे उसे रिपोर्ट करते थे, लिहाजा परमबीर सिंह की जवाबदेही तो बनती है, लेकिन केवल इतना ही काफी नहीं है। इस मामले में सरकार में बैठे लोगों की भूमिका का सच सामने आना जरूरी है। उन्होंने कहा कि सरकार में शामिल सभी दल भले इस मामले की जिम्मेदारी एक दूसरे पर डाल रहे हैं लेकिन हकीकत यह है कि कुशासन के खेल में सभी भागीदार हैं। गौरतलब है कि उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीला बिल्डिंग के पास पिछले दिनों एक कार में जिलेटिन की छड़ें बरामद हुई थी। इस मामले की जांच राज्य की एटीएस ने शुरू की। लेकिन जांच पूरी होने से पहले ही मामला एनआईए ने अपने हाथ में ले लिया।
Created On :   17 March 2021 9:11 PM IST