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जलवायु परिवर्तन के असर के अध्ययन के लिए बना नियामक मंडल

डिजिटल डेस्क, मुंबई। जलवायु परिवर्तन का मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर का अध्ययन करके उस पर नीतिगत फैसला लेने के लिए प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय नियामक मंडल (गवर्निंग बॉडी) की स्थापना की गई है जबकि स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ. प्रदीप व्यास के अध्यक्षता में टास्क फोर्स बनाया गया है। शिंदे की अध्यक्षता वाले नियामक मंडल के उपाध्यक्ष स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव व्यास होंगे। मंडल के सदस्य सचिव स्वास्थ्य निदेशक होंगे। जबकि राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान के आयुक्त, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभागीय निदेशक सदस्य के रूप में शामिल किए गए हैं। राज्यस्तरीय नियामक मंडल की बैठक वर्ष में एक बार बुलाई जाएगी। जबकि टास्क फोर्स की बैठक साल भर में तीन बार होगी। जिला स्तर पर भी जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में टास्क फोर्स बनाया गया है। इसमें जिला स्वास्थ्य अधिकारी सदस्य सचिव होंगे। जबकि जिला सर्वेक्षण अधिकारी, जिला मलेरिया (हिवताप) अधिकारी, जिला आपदा प्रबंधन केंद्र के सदस्य, जिला कृषि अधिकारी, खाद्य व आपूर्ति तथा औषध प्रशासन विभाग के प्रतिनिधि, जलापूर्ति व स्वच्छता विभाग के प्रतिनिधि, जिला प्रदूषण नियंत्रण मंडल के प्रतिनिधि की सदस्य के रूप में नियुक्ति की गई है।
स्वास्थ्य मंत्री शिंदे ने कहा कि टास्क फोर्स के माध्यम से जलवायु परिवर्तन और उसका मानव जीवन पर होने वाले परिणाम का अध्ययन करके प्रदेश के लिए कार्य योजना तैयार की जाएगी। इस कार्य योजना को लागू करने की जिम्मेदारी राज्य और जिला टास्क फोर्स की होगी। इसलिए जलवायु परिवर्तन के कारण बीमारियों को पहचानने और उसका सर्वेक्षण करके जोखिम निश्चित करने, जोखिम ग्रस्त इलाकों और जनसंख्या तय करके उसके लिए कार्य योजना लागू करने और उपलब्ध संसाधन की सूची बनाने की जिम्मेदारी टास्क फोर्स के पास रहेगी। प्रधान सचिव व्यास ने कहा कि जिला स्तर पर जलवायु परिवर्तन के बारे में अध्ययन के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। इसके साथ ही जिला पर्यावरणीय स्वास्थ्य सेल की स्थापना की जाएगी। यह सेल राज्य पर भी बनाया जाएगा।
Created On :   24 Aug 2019 2:55 PM IST