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रिपोर्ट में दावा- जलयुक्त शिवार योजना से सूखा प्रभावित इलाकों में मिली सफलता

डिजिटल डेस्क, मुंबई। जलयुक्त शिवार योजना से राज्य के सूखा प्रभावित इलाकों अहमदनगर व उस्मानाबाद में काफी सफलता मिली है। 2015 में शुरु की गई इस योजना के तहत 11 हजार 492 गांवो को चुना गया था। अब तक 15.14 लाख हेक्टर क्षेत्र में खुदाई व मेंडबंदी का काफी काम पूरा कर लिया गया है। कुछ कार्य अभी भी प्रगति पर है। वैज्ञानिक व व्यवस्थित रुप से इस योजना को लागू किया जा रहा है। यह योजना पर्यावरण के अनुरुप है। एक जनआंदोलन की तरह इस योजना को अमल में लाया जा रहा है। जिसमें लोगों का काफी योगदान है।
राज्य सरकार की ओर से बांबे हाईकोर्ट को सौपी गई रिपोर्ट में यह बात सामने आयी। यह रिपोर्ट सामाजिक कार्यकर्ता हीरालाल देशरडा की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत की ओर से दिए गए निर्देश के तहत सौपी गई है। याचिका में दावा किया था कि जलयुक्त योजना को लागू करने से पहले वैज्ञानिक अध्ययन नहीं किया गया है। इससे जमीन को क्षति पहुंचायी जा रही है। पर्यारण के नजरियए से यह योजना ठीक नहीं है। याचिका पर गौर करने के बाद न्यायमूर्ति अभय ओक की खंडपीठ ने इस योजना के अध्ययन को लेकर सरकार को विशेषज्ञों की कमेटी गठित करने का निर्देश दिया था।
इसके बाद सरकार ने राज्य के पूर्व मुख्य सचिव जानी जोसेफ की अध्यक्षता में नौ सदस्यीय कमेटी गठित की थी। कमेटी में विभिन्न क्षेत्रों के विज्ञोषज्ञों के शामिल किया गया था। जिसने काफी गहन अध्ययन व जरुरी रिपोर्ट व खेतों का दौरा करने के बाद खंडपीठ के सामने शुक्रवार को अपनी सौ पन्नों से अधिक की रिपोर्ट सौंपी। कमेटी ने योजना को लेकर कई सिफारिशें भी की गई हैं।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता हीरालाल देशरडा ने दावा किया कि यह कमेटी अदालत के निर्देशों के तहत नहीं बनी है। इसके साथ ही सरकार ने मामले को लेकर अदालत की ओर से दिए गए निर्दोशों का पालन नहीं किया है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि इन तमाम पहलुओं को अगली सुनवाई के दौरान परखेंगे।
Created On :   6 July 2018 8:28 PM IST