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डॉ.बाबा साहब के लेख और भाषणों को प्रकाशित करने से जुड़े प्रोजेक्ट की प्रगति रिपोर्ट मांगी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने बुधवार को राज्य सरकार से डाक्टर बाबा साहब आंबेडकर के लेखों व भाषणों को प्रकाशित करने को लेकर जारी प्रोजेक्ट की प्रगति रिपोर्ट (स्टेटस रिपोर्ट) मंगाई है। न्यायमूर्ति पीबी वैराले व न्यायमूर्ति अनिल किलोर की खंडपीठ ने महाराष्ट्र सरकार को इस विषय पर तीन सप्ताह के भीतर हलफनामा भी दायर करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने दिसंबर 2021 में डाक्टर बाबा साहब आंबेडकर के भाषण व लेखों को प्रकाशित करने से जुड़े प्रोजेक्ट के ठप्प पड़ने के बारे में प्रकाशित खबर का स्वयं संज्ञान लिया था और उसे जनहित याचिका में परिवर्तित किया था। कोर्ट ने कहा था कि इस जरुरी प्रोजेक्ट में विलंब होना सरकार के खराब कामकाज को दर्शाता है। बुधवार को खंडपीठ ने इस मामले की पैरवी के लिए अधिवक्ता स्वाराज जाधव को नियुक्त किया।
अधिवक्ता जाधव ने खंडपीठ के सामने कहा कि राज्य सरकार ने 1979 में बाबा साहब आंबेडकर सोर्स मटेरियल पब्लिकेशन कमेटी गठित की थी। लेकिन बाद में इस विषय में कुछ ज्यादा नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि बाबा साहब आंबेडकर ने भारत के बाहर भी कई महत्वपूर्ण भाषण दिए थे। इसमे से कुछ अंतरराष्ट्रीय मीडिया में प्रकाशित भी हुए है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को बाबा साहब आंबेडकर के विदेश में दिए गए भाषणों को अपने प्रोजेक्ट में शामिल करने के लिए कहा जाए। इस पर खंडपीठ ने कहा कि कमेटी इस पहलू पर भी विचार करे। खंडपीठ ने कहा कि जब राज्य सरकार ने बाबा साहब के भाषणों व लेखों को प्रकाशित करने का निर्णय लिया है तो उसे बाबा साहब के सभी भाषणों को प्रकाशित करना चाहिए। अंतराष्ट्रीय मीडिया द्वारा बाबा साहब के भाषण को प्रकाशित करने से उसे यहां प्रकाशित करने पर कोई प्रतिबंध नहीं लग जाता है। इसलिए कमेटी इस पहलू पर विचार करे। हमे नहीं लगता है कि इसके लिए अलग से आदेश जारी करने की जरुरत है।
खंडपीठ ने कहा कि हम चाहते है कि सरकार इस मामले में अपना जवाब दे और बाबा साहब के लेखों व भाषणों को प्रकाशित करने से जुड़े प्रोजेक्ट की प्रगति के बारे में जानकारी दे। वहीं सरकारी वकील पूर्णिमा कंथारिया ने कहा कि सरकार इस मामले में सकारात्मक जवाब देगी। खंडपीठ ने कहा कि पब्लिकेशन कमेटी के चेयरमैन का कुछ महीनों पहले निधन हो गया है। इसलिए सरकार इस दिशा में भी कदम उठाए अथवा कमेटी के पुर्नगठन के बारे में विचार करे।
Created On :   12 Jan 2022 10:21 PM IST