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खुदरा व्यापारियों का हर रोज हो रहा 1300 करोड़ का नुकसान, सरकार से लगाई दुकानें खोलने की गुहार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। लॉकडाउन जैसी पाबंदियों के चलते परेशान छोटे कारोबारियों ने एक बार फिर सरकार से राहत की गुहार लगाई है। छोटे व्यापारियों को दुकान खोलने की इजाजत नहीं है जिससे राज्य के खुदरा व्यापारियों को रोजाना 13 सौ करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। व्यापारी चाहते हैं कि सरकार को कम से कम उनके कर्मचारियों के वेतन के लिए कुछ पैसे देने चाहिए। फेडरेशन ऑफ रीटेल ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष वीरेन शाह ने कहा कि 15 दिनों की पाबंदियों के चलते खुदरा व्यापारियों को 18 हजार200 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ेगा। लेकिन परेशानी यह है कि 15 दिन बाद भी हमें राहत की उम्मीद कम है क्योंकि राज्य के कई हिस्सों में अब भी कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। इससे पहले सात दिनों के आंशिक लॉकडाउन के दौरान भी राज्य के कारोबारियों को 5250 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। यानी खुदरा व्यापारी मौजूदा पाबंदियों के चलते ही 23 से 24 हजार करोड़ का नुकसान उठा चुके हैं। हम सरकार से लगातार राहत की मांग कर रहे हैं लेकिन आश्वासन के अलावा फिलहाल हमारे हाथ कुछ नहीं लगा है।
शाह ने कहा कि हम चाहते हैं कि सरकार कम से कम हमें लाइलेंस फीस और संपत्तिकर में राहत दे। हमें सरकार से अपने लिए भी आर्थिक पैकेज की उम्मीद कर रहे हैं। साथ ही सरकार को दुकानों में काम करने वालों को सीधे वित्तीय मदद देनी चाहिए क्योंकि दुकानें बंद होने के चलते ज्यादातर छोटे कारोबारी इस स्थिति में नहीं हैं कि वे अपने कर्मचारियों को वेतन दे सकें। शाह ने कहा कि हम पहले से कह रहे हैं कि सरकार को संक्रमण पर काबू पाने के लिए दूसरे पर्याय खोजने चाहिए क्योंकि इस तरह का लॉकडाउन लंबे समय तक चला तो लाखों व्यापारियों और उनके आश्रितों के सामने भुखमरी का संकट आ जाएगा। बता दें कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर एक मई तक सिर्फ अत्यावश्यक सामान बेंचने वालों को सुबह सात बजे से सुबह 11 बजे तक दुकान खोलने की इजाजत है।
Created On :   26 April 2021 8:11 PM IST