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अपने लिए चुनाव क्षेत्र चाहते हैं रिटायर पुलिस वाले, गृहमंत्री से की मुलाकात
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना संक्रमण के दौरान सेवानिवृत्त हुए पुलिसवाले ग्रेच्युटी न मिलने से परेशान हैं यही नहीं पिछले कुछ महीनों में सेवानिवृत्त हुए ज्यादातर पुलिसकर्मियों की पेंशन भी शुरू नहीं हो पाई। इसी तरह की विभिन्न परेशानियों को लेकर बुधवार को सेवानिवृत्त पुलिस कल्याणकारी एसोसिएशन महाराष्ट्र के पदाधिकारियों ने गृहमंत्री अनिल देखमुख से मुलाकात कर अपनी समस्याएं हल करने की मांग की। सेवानिवृत्त पुलिसकर्मियों ने मांग की है कि सेवा के दौरान 12 से 16 घंटे रोजाना काम करने के चलते उन्हें कई बीमारियां हो जातीं हैं इसलिए सरकार को सेवानिवृत्त पुलिसकर्मियों के इलाज का भी खर्च उठाना चाहिए। रिटायर पुलिसकर्मी विधान परिषद की शिक्षक सीट की तर्ज पर पुलिसकर्मियों के लिए चुनाव क्षेत्र चाहते हैं।
एसोसिएशन के अध्यक्ष और सेवानिवृत्त अतिरिक्त पुलिस आयुक्त धनंजय जाधव के मुताबिक काम से जुड़ी चुनौतियों के चलते ज्यादातर पुलिसकर्मियों को मधुमेह, उच्च रक्तचाप, दिल की बीमारी जैसी बीमारियों से जूझना पड़ता है। ऐसे में उन्हें पेंशन के रुप में मिलने वाली ज्यादातर रकम इलाज में ही खर्च हो जाती है। सरकार को सेवानिवृत्त पुलिसकर्मियों को मुफ्त इलाज की सुविधा देनी चाहिए। इसके अलावा पुलिसकर्मी रोजाना जो 4 से 6 घंटे ज्यादा ड्यूटी करते हैं उसके लिए भी सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू नियमों के मुताबिक सेवाकाल के दौरान किए गए ज्यादा काम का भुगतान ब्याज के साथ होना चाहिए। साथ ही स्वास्थ्य बीमा की किस्त में भी पुलिसकर्मियों को जीएसटी पर छूट मिलनी चाहिए।
एसोसिएशन के सचिव संपत जाधव के मुताबिक संबंधित विभागों के कर्मचारियों की लापरवाही के चलते बड़ी संख्या में सेवानिवृत्त हुए पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को पेंशन नहीं मिल रही। सातवें वेतन आयोग के लाखों रुपए और पदोन्नति की तीन आश्वासित योजना के अंतर का लाभ भी नहीं मिला है जिसके चलते पुलिसवालों के लिए अपना घर चलाना मुश्किल हो गया है। पैसे न होने के चलते कई पुलिसकर्मी अपना इलाज नहीं करा पा रहे हैं तो कुछ ने कर्ज लेकर इलाज का रास्ता चुना है। ऐसे में सरकार को सेवानिवृत्त पुलिसकर्मियों के बकाए का जल्द भुगतान करना चाहिए।
सेवानिवृत्त पुलिसकर्मियों के एसोसिएशन ने सरकार से शिक्षकों की तर्ज पर अपने लिए भी चुनाव क्षेत्र की मांग की है। जिससे पुलिसवालों की समस्याएं भी सरकार तक पहुंचे। इसके अलावा सेना की तरह पुलिस की कैंटीन में भी जीएसटी माफ करने, प्रलंबित मामलों की गवाही के लिए वेतन और भत्ते देने, समस्याएं सुलझाने के लिए समन्वय समिति बनाकर गृहमंत्री के साथ नियमित बैठक करने जैसी कई मांगे की है। पूर्व आईजीपी और एसोसिएशन के उपाध्यक्ष रामराव पवार ने बताया कि गृहमंत्री अनिल देशमुख ने समस्याएं जल्द से जल्द हल करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के दौरान कर्मचारियों की कमी के चलते कुछ परेशानियां हुईं हैं लेकिन जल्द ही शिकायतें दूर कर दी जाएंगी।
Created On :   2 Dec 2020 8:50 PM IST