मारे-जाने व चोटिल होने के डर के बिना स्वतंत्र रुप से घूमने का हर व्यक्ति को अधिकार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मारे जाने या चोटिल होने के डर के बिना स्वतंत्र रूप से घूमने का अधिकार हर व्यक्ति को हैं। बांबे हाईकोर्ट ने यह बात कहते हुए मुंबई महानगरपालिका को महागनर में गगनचूंबी इमारतों के निर्माण में क्रेन के उपयोग को लेकर सुरक्षा से जुड़े दिशा-निर्देश तैयार करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी व न्यायमूर्ति आर.एन लड्ढा की खंडपीठ ने कहा कि अब समय आ गया है कि मुंबई मनपा निर्माण कार्य स्थल की सुरक्षा से जुड़े पहलू पर विशेष ध्यान दें। ताकि सुरक्षा को लेकर जरुरी दिशा-निर्देश तैयार किए जा सके। पिछले दिनों मुंबई के वर्ली इलाके में एक निर्माणाधीन इमारत की 52 वीं मंजिल से सीमेट का बड़ा टुकड़ा गिर गया था। जिससे इमारत परिसर में खड़े दो लोगों की मौत हो गई थी। हाईकोर्ट में लोखंडवाला रेसिडेंसी टॉवर को आपरेटिव हाउसिंग सोसायटी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है। यह सोसायटी उस जगह पर है जहां पर गगनचूंबी इमारत का निर्माण कार्य चल रहा है। याचिका मे दावा किया गया है कि इमारत के निर्माण कार्य स्थल डेवलपर प्रोवेंस लैंड प्राइवेट लिमिटेड जरुरी सावाधानी बरते बिना ही क्रेन का इस्तेमाल कर रहा है। खंडपीठ ने इमारत से गिरे पत्थर के चलते दो लोगों की मौत को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि हम मानते है कि किसी भी व्यक्ति को मारे जाने या चोटिल होने के डर के बिना स्वतंत्र रूप से घूमने का अधिकार है। यदि ऐसा नहीं होता है तो यह संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मिले जीवन से जुड़े मौलिक अधिकार का उल्लंघन है।
Created On :   11 March 2023 9:12 PM IST