अमरकंटक-बिलासपुर हाईवे से जुड़ेगी नागपुर, कटनी, रीवा, इलाहाबाद से आने वाली सड़क

Road coming from Nagpur, Katni, Rewa, Allahabad will be connected to Amarkantak-Bilaspur highway
अमरकंटक-बिलासपुर हाईवे से जुड़ेगी नागपुर, कटनी, रीवा, इलाहाबाद से आने वाली सड़क
अमरकंटक-बिलासपुर हाईवे से जुड़ेगी नागपुर, कटनी, रीवा, इलाहाबाद से आने वाली सड़क

(45 ई) के एक्सटेंशन के साथ अमझरघाटी खमरिया से बरेला माता मंदिर तक बनेगा बायपास  इसी तरह अमझरघाटी  से पनागर कुसनेर तक एक बायपास  इसके बनने से पूर्वी हिस्से में पूरा रिंग होगा तैयार
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
जबलपुर से अमरकंटक बिलासपुर (45 ई) हाईवे जिसके निर्माण की प्रक्रिया आरंभ हो गई है। इस हाईवे से नागपुर, कटनी, रीवा, इलाहाबाद हाईवे मार्ग को भी जोड़ा जाएगा। खमरिया से आगे जो अमझरघाटी जबलपुर अमरकंटक मार्ग पर है इससे एक बायपास बनाया जाएगा जो बरेला माता मंदिर के पास हाईवे से जुड़ेगा। इस हाईवे से जुडऩे के बाद बरेला बायपास, एकता चौक और चूल्हा गोलाई से आदमी सीधे सिवनी, नागपुर की ओर जा सकता है। इसी तरह अमझरघाटी से एक बायपास पनागर बस्ती के पीछे वाले हिस्से से ग्राम कुसनेर बायपास के पास मिलेगा। इससे कटनी, रीवा और आगे इलाहाबाद की ओर आदमी आसानी से जा सकता है। इसी तरह नागपुर, कटनी, रीवा, इलाहाबाद से अमरकंटक, बिलासपुर का हाईवे जुड़ जाएगा। पूर्वी हिस्से में शहर की प्रस्तावित रिंग रोड से अलग रिंग जैसी  आकार का बायपास तैयार हो जाएगा। इसके लिए लोक निर्माण एनएच ने भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया आरंभ भी कर दी है। केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने कहा है  कि यदि 90 प्रश. भूमि अधिग्रहित कर ली जाती है तो निर्माण स्वीकृति उसी वक्त दे दी जाएगी।  इसको लेकर केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के अधिकारी पिछले दिनों एक दौरा भी कर चुके हैं। 
कुल 34 किलोमीटर 
होगी सड़क 45 ई के लिए जो बायपास नागपुर, कटनी, रीवा, इलाहाबाद  सड़क से जोडऩे के लिए बनाया जाना है, जानकारों का कहना है कि उसकी कुल लंबाई 34 किलोमीटर होगी। 
अमझरघाटी से करीब 16 किलोमीटर सड़क बरेला माता मंदिर तक बनेगी। इसी तरह करीब 18 किलोमीटर का बायपास अमझर से कुसनेर ग्राम तक बनेगा। इस तरह कुल 34 किलोमीटर का बायपास होगा। इसके बन जाने के बाद अभी जो दबाव भीतरी सड़कों पर है वह कम होगा। यह बायपास कई तरह से मार्गों के लिए विकल्प देगा। 
यह बिल्कुल अलग संरचना है 
खासबात यह है कि शहर के लिए जो प्रस्तावित 112 किलोमीटर की रिंग रोड है  उससे यह अलग निर्माण है। रिंग रोड पर वर्क नेशनल हाईवे अथॉरिटी आफ इण्डिया कर रही है तो 45 ई  पर जमीन अधिग्रहण का काम लोक निर्माण एनएच जबलपुर कर रहा है। निर्माण एजेंसी का अंितम रूप से सड़क परिवहन मंत्रालय दिल्ली स्वीकृति का समय तय करता है। 
इनके लिए भी बनेगा बायपास 
जो अमरकंटक सड़क हाईवे के रूप में ढाली जानी है उसमें आने वाली सभी बड़ी बस्तियों के लिए बायपास बनाया जाना है। सबसे पहले कुण्डम बायपास फिर शहपुरा और उसके बाद डिण्डौरी तक बायपास बनेगा। यदि नयी चौड़ी सड़क पूरी बनती है तो रास्ते में कोई भी बस्ती नहीं आएगी। सभी के लिए बायपास बन जाएँगे। विशेष बात यह है कि बायपास बन जाने से इन सड़कों पर चलना आसान होने वाला है। अभी जो समय, ईंधन खर्च होता है वह बहुत कम हो जाएगा। सभी तरह के लिहाज से यह जनता के लिए उपयोगी साबित होगा।

Created On :   13 July 2021 9:24 AM GMT

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