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रिटायर होने के बाद राज्यपाल ने किया उसी पद पर नियुक्ति, नियमों के खिलाफ फैसला
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंग कोश्यारी ने निजी सचिव उल्हास मुनगेकर को सेवानिवृत्ति के बाद फिर उसी पद पर नियुक्त कर दिया है। लेकिन आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली का दावा है कि राज्यपाल कोश्यारी का यह कदम नियमों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के निजी सचिव का पद नियमित होता है और साल 2016 के सरकारी आदेश के मुताबिक इस पद पर कांट्रैक्ट (ठेके) के आधार पर नियुक्ति संभव नहीं है। परोक्षरूप से राज्यपाल ने अपने ही निर्णय का उल्लंघन किया है।दरअसल गलगली ने आरटीआई के तहत राज्यपाल के निजी सचिव उल्हास मुनगेकर को सेवा विस्तार दिए जाने से जुड़ी जानकारी मांगी थी। जवाब में जो जानकारी मिली उसके मुताबिक राज्यपाल के प्रधान सचिव संतोष कुमार ने 28 मई 2021 को महाराष्ट्र सरकार के प्रमुख सचिव और मुख्य शिष्टाचार अधिकारी को पत्र भेजा। इस पत्र में राज्यपाल के निजी सचिव उल्हास मुनगेकर को विशेष मामले के रूप में दिनांक 17 दिसंबर 2016 के सरकारी आदेश के विपरीत राहत दिलाने का अनुरोध किया गया था।
सतीश जोंधले, संयुक्त सचिव, सामान्य प्रशासन ने 16 जून, 2021 को इस अनुरोध का उत्तर दिया कि सामान्य प्रशासन विभाग के शासनादेश के मुताबिक प्रक्रिया को लागू करके आगे की कार्रवाई की जानी चाहिए। इस तथ्य को नजरअंदाज करते हुए राज्यपाल के प्रधान सचिव संतोष कुमार ने मुनगेकर को 20 जुलाई 2021 को एक वर्ष की अवधि के लिए कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर नियुक्त किया गया। अनिल गलगली ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र भेजकर मुनगेकर की कॉन्ट्रैक्ट पर हुई नियुक्ति तत्काल रद्द करने और निजी सचिव जैसे नियमित पद पदोन्नति से भरने की मांग की है।
Created On :   1 Sept 2021 9:48 PM IST