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RTI ने खोली पोल : ग्रीन बस नागपुर मनपा के लिए साबित हो रहे सफेद हाथी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। मनपा की शहर बस सेवा को विविध मामलों में चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। टिकट भ्रष्टाचार के मामले में निजी कंपनियों के 675 कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई। मनपा के 89 कर्मचारियों को भी हटाया गया। पर्यावरण संरक्षण व अत्याधुनिक यात्रा सेवा के उद्देश्य के साथ शुरू की गई ग्रीन बस मनपा के लिए सफेद हाथी साबित हो रही है। एक साल का हिसाब ही देखा जाए, तो ग्रीन बस सेवा से मनपा को 1 करोड़ 7 लाख 81 हजार 803 रुपए का नुकसान हुआ है। ग्रीन बस का यह नुकसान मार्च 2017 से मार्च 2018 के बीच दर्ज किया गया है।
सूचना अधिकार के तहत सामाजिक कार्यकर्ता अभय कोलारकर को मनपा ने दी जानकारी में और भी कई तथ्य सामने आए हैं। कोलारकर ने साल 2015 से 2017 के बीच शहर बस सेवा से संबंधित जानकारियां मांगी थी।
मनपा परिवहन विभाग के अनुसार, शहर में 375 बसें चल रही हैं। बस सेवा की जिम्मेदारी 4 कंपनियां संभाल रही हैं। इनमें मे. ट्रैवल टाइम कार रेंटल प्रा. लि. मे. आर. के. सिटी बस आपरेशन प्रा. लि, मे. स्मार्ट सिटी बस सर्विसेस व मे. सस्टेनेबल ट्रांसपोर्ट सोल्यूशन शामिल हैं। बस सेवा में निजी कंपनियों के 1080 चालक व 1449 परिचालक शामिल हैं। साल 2017-18 में बस सेवा से 62 करोड़ 2 लाख 94 हजार 332 रुपए की आय हुई।
कितना खर्च और कितनी आय
साल 2015 से मार्च 2017 तक 3 करोड़ 17 लाख 84 हजार 786 रुपए खर्च किए गए हैं। वातानुकूलित बसों से फरवरी 2017 से मार्च 2018 तक 1 करोड़ 3 लाख 37 हजार 952 रुपए की आय हुई है। फिलहाल कोई बस कबाड़ में नहीं रखी है। 5 बसें जल गई हैं।
Created On :   22 Jun 2018 12:57 PM GMT