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सत्तारूढ़ और विपक्ष दोनों का नंबर वन होने का दावा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश के 7 हजार 682 ग्राम पंचायतों के चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा-शिंदे गुट और विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी ने जीत को लेकर अलग-अलग दावे किए हैं। सत्ताधारी भाजपा ने 2 हजार 482 ग्राम पंचायतों में जीत का दावा किया है। भाजपा ने नंबर वन पार्टी बनने का दावा किया है। जबकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली बालासाहेबांची शिवसेना ने 842 ग्राम पंचायतों पर कब्जा जमाया है। दूसरी ओर विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी के तीनों दलों ने मिलकर 2 हजार 651 ग्राम पंचायतों में झंडा लहराने की बात कही है। महाविकास आघाड़ी ने भी अपने आप को नंबर वन करार दिया है। राकांपा ने 1300 ग्राम पंचायतों और कांग्रेस ने 900 से अधिक ग्राम पंचायतों में जीत का दावा किया है। मंगलवार को ग्राम पंचायतों के चुनाव परिणाम घोषित किए गए। ग्राम पंचायतों का चुनाव पार्टियों के चुनाव चिन्ह पर नहीं होता है मगर चुनाव नतीजे के बाद सभी दलों ने जीते हुए उम्मीदवारों को समर्थक होने का दावा किया है। चुनाव परिणाम के बाद नागपुर में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि 2 हजार 482 ग्राम पंचायतों में जीतकर भाजपा एक बार फिर से नंबर वन पार्टी साबित हुई है। शिंदे गुट को 842 ग्राम पंचायतों में सफलता मिली है।
जबकि राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील ने कहा कि राकांपा को 1300 ग्राम पंचायतों में सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि महाविकास आघाड़ी ने 2 हजार 651 ग्राम पंचायतों ने जीत हासिल की है। जबकि भाजपा और शिंदे गुट ने मिलकर 2 हजार 300 ग्राम पंचायतों में जीत हासिल की है। पाटील ने कहा कि अभी लगभग एक हजार से अधिक ग्राम पंचायतों के चुनाव नतीजे स्पष्ट होने हैं। लेकिन भाजपा और शिंदे गुट ने चुनाव परिणाम घोषित होने से पहले ही शाम को एक-दूसरे को पेड़ा खिला दिया है। पर हम लोग देर रात तक पूरे परिमाण आने का इंतजार करेंगे। मैं बुधवार को चुनाव परिणाम अधिकृत रूप से आंकड़ा जारी करूंगा। वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने राज्य भर में 900 से अधिक ग्राम पंचायतों में जीतने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि नागपुर की 236 में से 200 ग्राम पंचायतों में कांग्रेस की दमदार जीत हुई है। भाजपा को 36 ग्राम पंचायतों में भी जीत नहीं मिल पाई है। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की ओर से गोद लिए गए नागपुर के फेटरी गांव में भी कांग्रेस की जीत हुई है। पटोले ने कहा कि कांग्रेस के गठजोड़ वाली महाविकास आघाड़ी ही राज्य में पहले स्थान पर है। पटोले ने दावा करते हुए कहा कि भाजपा के जीत का दावा झूठा है।
इस बीच विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने बताया कि औरंगाबाद में शिवसेना (उद्धव बालासाहब ठाकरे) ने 76, राकांपा ने 28 और कांग्रेस ने 18 ग्राम पंचायतों में जीत हासिल की है। जबकि भाजपा को 41 और शिंदे गुट को 26 ग्राम पंचायतों में सफलता मिली है। वहीं राकांपा के विधायक धनंजय मुंडे ने कहा कि बीड़ के परली तहसील के 81 में से 50 ग्राम पंचायतों में पार्टी को जीत मिली है। जबकि अंबाजोगाई तहसील में राकांपा को 49 में से 31 ग्राम पंचायतों में सफलता मिली है। वहीं भाजपा के विधायक नीतेश राणे ने सिंदुधुर्ग में बड़ी जीत का दावा किया है। सिंधुदुर्ग में उद्धव ठाकरे गुट को बड़ा झटका लगा है। वहीं कई ग्राम पंचायतों में निर्दलीय और स्थानीय गठबंधनों को कामयाबी मिली है।
14 हजार 28 ग्राम पंचायत सदस्य निर्विरोध चुने गए
इस बीच राज्य चुनाव आयोग ने बताया कि प्रदेश के 7 हजार 682 ग्राम पंचायतों में मतदान हुआ है। इन 7 हजार 682 ग्राम पंचायतों में सदस्यों की संख्या 65 हजार 916 है। जिसमें से 14 हजार 28 ग्राम पंचायत के सदस्य पहले ही निर्विरोध चुने गए हैं। जबकि 7 हजार 619 ग्राम पंचायतों के संरपच पद के लिए चुनाव हुआ है। जिसमें से 619 ग्राम पंचायतों के सरपंच निर्विरोध विजयी हुए हैं। वहीं 63 ग्राम पंचायतों के सरपंच पद के लिए एक भी उम्मीदवारों ने नामांकन नहीं भरा था। चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि पर्चा दाखिल न होने वाले 63 ग्राम पंचायतों में सरपंच पद का उपचुनाव होगा।
सभी पार्टियां कर रहीं अपनी-अपनी जीत का दावा
विदर्भ के सात जिलों की 1190 ग्राम पंचायत चुनाव के नतीजे मंगलवार को घोषित हुए। नतीजे आते ही प्रत्येक पार्टी अपनी-अपनी जीत का दावा कर रही है। अमरावती की 249, वर्धा की 113, यवतमाल की 98, चंद्रपुर की 59, गड़चिरोली की 25, गोंदिया की 345 और भंडारा की 303 ग्राम पंचायतों में भाजपा, कांग्रेस, राकांपा, शिवसेना के दोनों गुटों ने अपनी-अपनी जीत का दावा किया है।
Created On :   20 Dec 2022 10:09 PM IST