देश के चावल निर्यात पर असर

Russo-Ukraine war: Impact on countrys rice exports
देश के चावल निर्यात पर असर
रूस-यूक्रेन युद्ध देश के चावल निर्यात पर असर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध का असर दुनिया भर में दिखाई दे रहा है। इस युद्ध के चलते देश का चावल निर्यात भी प्रभावित हुआ है। नागपुर जिले से रूस को प्रतिमाह 8 से 10 हजार टन चावल का निर्यात किया जाता है, लेकिन जब से दोनों देशों के बीच युद्ध शुरू हुआ है, तब से रूस के लिए सभी शिपिंग लाइन बंद कर दी गई है। इससे जिले से चावल निर्यात नहीं हाे रहा है। चावल निर्यात न हो पाने के कारण यहां के व्यापारियों को करोड़ाें रुपए का नुकसान झेलना पड़ रहा है। रूस को 450 डॉलर प्रति टन के हिसाब से चावल बेचा जाता है। बताया जा रहा है कि जब तक स्थिति सामान्य नहीं होती, तब तक निर्यात शुरू नहीं हो पाएगा। चावल के साथ ही यहां से रूस को अन्य वस्तुएं जैसे इंडस्ट्रियल मटेरियल आदि का भी निर्यात होता है, लेकिन शिपिंग लाइन बंद होने के कारण सब काम रूका हुआ है।

व्यापारी और उद्योजक परेशान 
विदर्भ इकोनॉमिक डेवलपमेंट (वेद) के अध्यक्ष शिवकुमार राव के अनुसार युद्ध के कारण रूस पर अन्य देशों द्वारा तरह-तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं। इन प्रतिबंधों के चलते रूस की करंसी बुरी तरह से मार खाई है। व्यापारी और उद्योजक काफी परेशानी में आ गए हैं। रूस में आयात महंगा हो गया है, जिसका असर अन्य देशों के निर्यात पर पड़ रहा है। राव के अनुसार, आने वाले दिनों में रूस के साथ ही अन्य देशों के आयात-निर्यात में काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। 

Created On :   1 March 2022 3:00 PM IST

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