13 कंपनियां चलाते थे सलिल- ऋषिकेश देशमुख, हेराफेरी के लिए 27 का हुआ इस्तेमाल

Salil- Hrishikesh Deshmukh used to run 13 companies, 27 were used for rigging
13 कंपनियां चलाते थे सलिल- ऋषिकेश देशमुख, हेराफेरी के लिए 27 का हुआ इस्तेमाल
मनी लांड्रिंग 13 कंपनियां चलाते थे सलिल- ऋषिकेश देशमुख, हेराफेरी के लिए 27 का हुआ इस्तेमाल

डिजिटल डेस्क, मुंबई।  राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ मनी लांड्रिंग के आरोपों की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पाया है कि पैसों के हेरफेर के लिए कुल 27 कंपनियों का इस्तेमाल किया गया। इनमें से 13 कंपनियां देशमुख के बेटे सलिल और ऋषिकेश देशमुख के सीधे नियंत्रण में थीं जबकि 14 कंपनियां देशमुख के दूसरे करीबियों के नियंत्रण में थीं।  ईडी ने कंपनियों के बही खाते और बैंक स्टेटमेंट की जांच की तो पता चला कि कंपनियों का कोई वास्तविक व्यवसाय नहीं था। इनका इस्तेमाल केवल पैसों के लेन देन के लिए किया गया। इन कंपनियों ने न तो कुछ बनाया और न ही खरीदा, बेंचा। कंपनियों से जुड़े बैक खातों की जांच में पता चला है कि फर्जी कंपनियों के जरिए देशमुख परिवार से जुड़ी कंपनियों और संस्थाओं में पैसे भेजे गए। ईडी इस बात के भी सबूत जुटा चुकी है कि एंटीलिया विस्फोटक और मनसुख हिरन हत्या मामले में गिरफ्तार पुलिस अधिकारी सचिन वाझे ने मुंबई के बीयर बारों से जो 4.7 करोड़ रुपए वसूले थे वह पैसे कैसे फर्जी कंपनियों के जरिए देशमुख परिवार के श्री साईं शिक्षण संस्था तक पहुंचे। देशमुख से पहले ईडी उनके निजी सहायक संजीव पलांडे और निजी सचिव कुंदन शिंदे को भी गिरफ्तार कर चुकी है। 

जांच में सहयोग न करने पर गिरफ्तारी

अनिल देशमुख ने सोमवार को अचानक सवालों के जवाब देने ईडी के ऑफिस जाने का फैसला किया तो यह दूसरे लोगों के साथ-साथ जांच अधिकारियों के लिए भी यह आश्चर्यजनक था। अब तक जांच की निगरानी करने वाले ईडी अधिकारी सत्यव्रत कुमार काम के सिलसिले में दिल्ली में थे। मुंबई यूनिट-2 में तैनात योगेश वर्मा ने दिल्ली में वरिष्ठ अधिकारियों को देशमुख के आने की सूचना दी और खुद देशमुख से पूछताछ शुरू की। देशमुख के ईडी ऑफिस में पहुंचने की जानकारी मिली तो सत्यव्रत कुमार रात साढ़े आठ बजे ईडी कार्यालय पहुंच गए। तब तक वर्मा देशमुख से कोई जानकारी हासिल नहीं कर पाए थे। इसके बाद पूछताछ का जिम्मा सत्यव्रत ने संभाला।  ईडी सूत्रों के मुताबिक देशमुख सवालों के जवाब देने में आनाकानी कर रहे थे। लंबे समय तक उनसे अधिकारी तथ्यों की जानकारी हासिल करने की कोशिश करते रहे। लेकिन देशमुख से सहयोग नहीं मिला तो करीब 13 घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें रात एक बजे के करीब गिरफ्तार करने का फैसला किया गया। देशमुख को पीएमएलए कानून की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया गया है।      
 

Created On :   3 Nov 2021 9:05 PM IST

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