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'नारी शक्ति' को सलाम, बूट पॉलिश कर बच्चों का जीवन संवार दिया

डिजिटल डेस्क,अमरावती। कहते है लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। ये कहावत अमरावती की तीन महिलाओं पर सटीक बैठती है। इन महिलाओं ने मुसीबत में भी कभी हार नहीं मानी।
गांधी चौक स्थित सड़क के किनारे रोजाना तीन महिलाएं छाते के नीचे बूट पॉलिश व जूते चप्पलों की मरम्मत करतीं दिखाई देती हैं। इनमें गीताबाई फूलचंद पहारे, कुसुम परसे और कुसुमबाई सिराले इन तीनों महिलाओं की कहानी एक जैसी ही है। कुछ सालों पहले अमरावती की इन महिलाओं के पति का निधन हो गया। पति के निधन के बाद इन्हें बच्चों की परवरिश और पालन पोषण की चिंता सताने लगी। लड़कियों को शिक्षा, विवाह और खुद का पेट भरने के लिए इन महिलाओं ने बूट पॉलिश व जूते चप्पलों की मरम्मत करने का काम शुरू किया। 15 से 20 साल की इन महिलाओं की कोशिश आखिरकार रंग लाई। इन कोशिशों का ही नतीजा है कि उनकी बेटियों आज पढ़ लिखकर संपन्न वैवाहिक जीवन जी रही है।
अब ये तीनों महिलाएं अपने जीवन को संवारते हुए सुबह 10 से रात 8 बजे तक बूट पॉलिश करती दिखाई देती हैं। इसके बावजूद बेटियों का विवाह होने के बाद उन पर होने वाली हर परेशानियों को भी, ये महिलाएं अपनी समस्या समझते हुए उसे सुलझाने के लिए दिन-रात कड़ी मेहनत कर रहीं हैं। वे हर महीने बूट पॉलिश के जरिए 5 से 6 हजार रुपए कमा लेती हैं। विपरीत परिस्थिति का मुकाबला कर इन महिलाओं ने नारी शक्ति की मिसाल कायम की है।
Created On :   28 July 2017 7:41 PM IST