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रेत माफिया ने किया सुरक्षा कर्मियों पर हमला , आरक्षक घायल
डिजिटल डेस्क शहडोल। रेत के अवैध उत्खनन पर आधी रात कार्रवाई पहुंचे वन विभाग व सुरक्षा बलों के संयुक्त दल पर रेत माफियाओं ने हमला कर दिया। दो दर्जन से अधिक हथियारबंद बदमाशों द्वारा किए गए हमले में एएसएफ का एक जवान गंभीर रूप से घायल हो गया, जबकि तीन अन्य चोटिल हुए। हमलावरों ने सुरक्षा बलों की दो बंदूक भी तोड़कर क्षतिग्रस्त कर दिया। रेत माफियाओं द्वारा हमले की यह घटना शहडोल जिले के देवलोंद थानांतर्गत ग्राम पंचायत झिरिया क्षेत्र के सोन घडिय़ाल अभ्यारण में बुधवार की रात करीब 1.30 बजे हुई। जिसमें आरक्षक रमेश जायसवाल को ज्यादा चोट आई, जिसे बाणसागर अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद रीवा मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया है। जबकि आरक्षक रामचरण मरावी व आरक्षक लेखराम को भी चोट आई।
ऐसे हुआ घटनाक्रम
सोन घडिय़ाल अभ्यारण्य इलाके में अवैध उत्खनन रोकने के लिए सुरक्षा पर तैनात विशेष बल को लेकर स्थानीय वन परिक्षेत्राधिकारी जीडी साकेत के नेतृत्व में वन विभाग का अमला रात करीब 1.30 बजे ग्राम झिरिया के सोन नदी के तट पर पहुंचा। दल में धर्मेंद्र अटल, सैनिक चेतमणि पाण्डेय, अरुणमणि मिश्रा, राजकिशोर सिंह, चालक सूर्य प्रताप सिंह, एसएएफ के प्रधान आरक्षक मुकेश समुंद्रे, आरक्षक रमेश जायसवाल, रामचरण मरावी व लेखराम शामिल थे। मौके पर जाकर देखा कि करीब दर्जन भर ट्रेक्टरों में रेत भरा जा रहा था। टीम को देखकर बाकी ट्रेक्टर तो भाग निकले लेकिन तीन ट्रेक्टर पकड़ में आ गए। यह भी सुरक्षाबलों के ऊपर वाहनों को चढ़ाने का प्रयास किया गया। रेत से भरे तीन वाहनों की सुरक्षा कर रहे कर्मचारियों पर अचानक 20-25 की संख्या में लोगों ने हमला कर दिया। सबके हाथों में लाठी, डण्डा, पत्थर व अन्य घातक हथियार थे। गाली गलौज करते हुए हमला कर दिया। बचाव में जवानों ने हवाई फायर किया, लेकिन हमलावरों ने बंदूकें छीनकर दो को तोड़ दिया। हमले में रमेश जायसवाल लहुलुहान हो गया। सुरक्षा बलों ने जोरदार मुकाबला किया जिससे वाहन ले जाने में सफल नहीं हो सके। इसके बाद जान से मारने की धमकी देते हुए सभी फरार हो गए।
वन विभाग व पुलिस में प्रकरण दर्ज
जानकारी के अनुसार रात में ही देवलोंद थाने में संपर्क कर बल भेजने को कहा गया लेकिन प्रभारी ने यह कहते हुए मना कर दिया कि बल मौजूद नहीं है। सुरक्षा कर्मियों ने तीनों टे्रक्टर देवलोंद थाने लाकर खड़ा कराया। वन परिक्षेत्र सहायक तरुण प्रताप सिंह की ओर थाने में दी गई लिखित शिकायत में दो नामों ददन बैस व पिंटू बैस का उल्लेख किया गया है जो भागते समय एक दूसरे का नाम ले रहेे थे। थाने में दो नामजद व 25 अन्य लोगों के विरुद्ध धारा 293, 294, 353, 332, 427, 506, 34 का मामला दर्ज किया गया है। जानलेवा हमले के बाद भी 307 का प्रकरण क्यों दर्ज नहीं किया गया इस बारे में पुलिस एमएलसी का इंतजार कर रही है। वहीं वन विभाग ने आरोपियों के विरुद्ध अधिनियम 1972 की धारा 27, 29, 39, 51 एवं वन अधिनियम की धारा 2 (41) 52 के तहत मामला पंजीबद्ध किया है।
प्रतिबंधित क्षेत्र में उत्खनन
जहां पर रेत का अवैध उत्खनन होते पाया गया वह सोन घडिय़ाल अभ्यारण का इलाका है, जहां पूर्ण रूप से उत्खनन व परिवहन पर रोक लगी हुई है। क्षेत्र के सोन, समधिन, बनास व अन्य नदी नालों से रेत निकालने की लीज भी नहीं दी जा सकती। प्रतिबंध के बाद भी रेत का उत्खनन किया जा रहा है। प्रतिबंध का पालन कराने के लिए शहडोल, सीधी व सतना जिलों को मिलाकर सोन घडिय़ाल अभ्यारण बनाया गया है।
चार विभाग की है जिम्मेदारी
अभ्यारण क्षेत्र से रेत के कारोबार अंकुश लगाने के लिए चार-चार विभाग सक्रिय हैं। अभ्यारण के गठित विशेष दस्ते के अलावा वन विभाग, राजस्व विभाग, खनिज विभाग तथा पुलिस, इन चारों के ऊपर रेत उत्खनन को रोकने की जिम्मेदारी है, इसके बाद भी इलाके से लंबे समय से उत्खनन का कारोबार किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार देवलोंद पुलिस की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है।
सख्त कार्यवाही करें : कमिश्नर
कमिश्नर बी.एम.शर्मा ने संभाग के सभी अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों, खनिज अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वे खनिज के अवैध उत्खनन एवं परिवहन करने वाले असामाजिक तत्वों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही करें। कार्यवाही करते समय अधिकारी अपने साथ समुचित पुलिस बल लेकर जायें। कमिश्नर ने उक्त निर्देश विकास कार्यों की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को दिये।
इनका कहना है
जहां घटना हुई वह संपर्कविहीन है। सूचना मिलने पर पुलिस बल को भेजा गया था। थाने में दो नामदज व अज्ञात 25 के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है।
शिव कुमार वर्मा, एएसपी शहडोल
घटना को गंभीरता से लिया गया है। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि कार्रवाई के लिए अकेले न जाएं, पर्याप्त सुरक्षा बलों को लेकर जाएं।
नरेश पाल, कलेक्टर शहडोल
Created On :   3 Nov 2017 1:06 PM IST