- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- संघ का विजयादशमी उत्सव, जानिए-भागवत...
संघ का विजयादशमी उत्सव, जानिए-भागवत ने कौन सी बड़ी बातों का जिक्र किया
असंतोष को भड़काने, भेद पर झगड़ा लगानेवालों का प्रतिकार करना होगा
लिंचिंग शब्द हमारे देश का नहीं, यह तो विदेश के धर्मग्रंथ में मिलता है
धारा 370 हटाकर सरकार ने साबित किया है कि कठोर निर्णय लिए जा रहे हें
डिजिटल डेस्क, नागपुर। समाज के असंतोष व भय के वातावरण को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने षड़यंत्र ठहराया है। सरकार व समाज के इस मामले में सचेत रहने को कहा है। सरसंघचालक डॉ.मोहन भागवत ने कहा है कि देश में अच्छा बदलाव हो रहा है। लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं जो केवल अपने स्वार्थ के लिए काम करते हैँ। विविधता हमारी खूबी है। लेकिन कुछ लोग विविधता व विचार भेद का लाभ उठाने लगते हैं। समाज में असंतोष भड़काने व विचार भेद पर झगड़ा लगानेवालों का प्रतिकार करना होगा। माब लींचिंग की घटनाओं पर सरसंघचालक ने कहा कि यह शब्द ही हमारे देश का नहीं है। यह तो विदेश के धर्मग्रंथ में मिलता है। सीमा सुरक्षा व आर्थिक मामले में सरकार की सराहना करते हुए कहा कि धारा 370 हटाकर सरकार ने साबित किया है कि कठोर निर्णय लिए जा रहे हैं।
लींचिग पर सरसंघचालक के बोल
दो चार लोगों के झगड़ों को समाज पर थोपा जाने लगता है। संघ का नाम लिया जाता है। एक षड़यंत्र चल रहा कि संघ बदनाम हो। लेकिन संघ बढ़ रहा है। लींचिंग शब्द हमारे देश का नहीं है। ये शब्द कहां से आए,इसकी पुरानी कहानी है। महिला को पत्थर से मारने व ईसा मसीह ने बचाव करने जैसे मामले विदेश के धर्मग्रंथों में हैं। हमारे यहां लींचिंग की छूटपुट घटनाएं हैं। ऐसी घटनाओं पर कड़ी कार्रवाई होना चाहिए। हमारे यहां तो पानी के लिए दो गांवों में झगड़ा हुआ तो भगवान बुद्ध ने उनको समझा दिया। इस देश जैसे शांति भला कहां है। शांति का प्रयास संघ कर रहा है। विवेक से बात करनी चाहिए। अमंगल को लेकर दोषारोपण में न उलझें। दोषियों को दंड देने में कानून कम पड़ें तो नया कानून बनाएं। अपना पराया न देखें। मतभेद हो तो संवाद व चर्चा से उसे दूर किया जा सकता है।
मंदी पर सरकार का बचाव
आर्थिक मंदी के मामले में सरसंघचालक ने सरकार का बचाव किया। वित्त विशेषज्ञों के मतों का हवाला देते हुए कहा कि जीडीपी का मानक ही दोषपूर्ण है। जीडीपी दर 1 प्रतिशत पर भी पहुंच जाए तो मंदी नहीं कहा जा सकता है। फिलहाल यह दर 4 प्रतिशत से अधिक है। मंदी के उपाय के लिए सरकार काम कर रही है। देश में निवेश बढ़ाने का प्रयास हो रहा है। एफडीआई पर जोर दिया जा रहा है। देश की आर्थिक क्षेत्र की हस्तियां सक्षम हैं। उन्होंने यह भी कहा कि स्वेदशी का मायना बदलने लगा। आज का युग परस्पर निर्भरता का है। देश में आर्थिक स्व निर्भरता की व्यवस्था पर ध्यान देना होगा।
महिला सुरक्षा
महिला सुरक्षा के मामले में उन्होंने समाज के प्रत्येक नागरिक से सहयोग का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि पुरुषों को महिलाओं को देखनी की दृष्टि में बदलाव लाना होगा। महिला सम्मान के मामले में भारतीय संस्कार का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि महिलाओं को देखने की पुरुषों की दृष्टि में हमारी संस्कृति के पवित्रता व शालीनता के संस्कार भरने पड़ेंगे।
संकट का उपाय आवश्यक
सरसंघचालक ने कहा कि देश में कुछ संकट है। मार्ग के रोड़े, बाधाएं और देश का वैभवशाली नहीं बनने देने की इच्छा रखनेवाली शक्तियों के कारनामें समाप्त नहीं हुए हैं। संकट का उपाय आवश्यक है। कुछ काम सरकार कर सकती है। कड़ी कार्रवाई के लिए कानून है। कानून कम पड़ रहा हो तो नया कानून बनाया जा सकता है। सरकार के साथ ही समाज को सचेत रहना होगा। समाज के विभिन्न वर्गों को आपस में सद्भावना, संवाद और सहयोग बढ़ाने की कोशिश करते रहनी चाहिए। समाज के सभी वर्गों का सद्भाव, समरसता व सहयोग और कानून संविधान की मर्यादा में ही अपने मतों की अभिव्यक्ति यह आज की स्थिति में नितांत आवश्यक है। कानून-व्यवस्था की सीमा का उल्लंघन कर हिंसा की प्रवृत्ति समाज में परस्पर संबंधों को नष्ट कर अपना प्रताप दिखाती है। यह प्रवृत्ति हमारे देश की परंपरा नहीं है, न ही हमारे संविधान में यह बैठती है। कितना भी मतभेद हो, कानून और संविधान की मर्यादा के अंदर ही न्याय व्यवस्था में चलना पड़ेगा।
सरकार की प्रशंसा
सरसंघचालक भागवत ने कहा कि 2014 में जनता ने राजनीतिक बदलाव के लिए मतदान किया था। पिछली सरकार की नकारात्मकता का परिणाम चुनाव परिणाम में दिखा। लेकिन इस बार यानी 2019 में लोगों ने सरकार को पसंद करके मतदान किया। जनता मानती है कि सरकार ठीक काम कर रही है। ठोस निर्णय लिए जा रहे हैं। सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाने जैसे निर्णय लेकर साबित किया है कि वह कठोर निर्णय लेने में सक्षम है। 370 को लोकसभा और राज्यसभा में चर्चा के माध्यम से हटाया गया । सभी दलों ने समर्थन दिया। प्रधानमंत्री का यह कार्य अभिनंदनीय है। सरसंघचालक ने यह भी कहा कि हमारी स्थल सीमा और जल सीमाओं पर सुरक्षा सतर्कता पहले से बेहतर है। केवल स्थल सीमा पर रक्षक और चौकियों की संख्या व जल सीमा पर द्वीपों व टापुओं की निगरानी बढ़ानी होगी। देश में उग्रवादी हिंसा में कमी आई है। उग्रवादियों के आत्मसमर्पण की संख्या बढ़ी है।
मंगलवार को रेशमबाग मैदान में संघ के विजयादशमी उत्सव में सरसंघचालक बोल रहे थे। प्रमुख अतिथि उद्यमी शिव नाडार ने भी संबोधित किया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी, पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, पूर्व केंद्रीय मंत्री जनरल वी.के सिंह भी उपस्थित थे। सरसंघचालक ने तल्ख स्वर में कहा कि संघ को लेकर निराधार बातें आसानी से कह दी जाती है। बदनाम किया जाता है। यहां तक कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी संघ के बारे में बोलने लगे हैं।
Created On :   8 Oct 2019 2:36 PM IST