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सावंत बोले - वीपी सिंह सरकार के वक्त हुआ था कश्मीरी पंडितों का पलायन
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के पलायन केंद्रीत "द कश्मीर फाइल्स"को लेकर राजनीति शुरु ह गई है। भाजपा नेता जहां इसफिल्म को टैक्स फ्री करने की मांग कर रहे हैं वही कांग्रेस ने आरोप लगाया है की फिल्म जरिए द्वेष क वातावरण तैयार किया जा रहा है। प्रदेश कांग्रेस के महसचिव सचिन सावंत ने सोमवार को कहा कि दी कश्मीर फाईल बनाने का उदेश्य कश्मीरी पंडितों के साथ कोई लगाव नहीम बल्कि राजनीतक उद्देश्य से यह फिल्म बनाई गई है। सावंत ने कहा कि जिस समय कश्मीर से पंडितों का पलायन हुआ उस वक्त केंद्र में वीपी सिंह की सरकार थी और भाजपा उस सरकार को बाहर से समर्थन दे रही थी और जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगा था। जो जगमोहन उस वक्त वहां के राज्यपाल थे वे बाद में चार बार भाजपा के टिकट पर सांसद बनें। कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा अपने कई घोषणा पत्रों में कश्मीर पंडितों के घर वापसी की वादा किया पर अभी तक यह वादा पूरा नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि देश विरोधी सरकार ही पुराने जख्मों को कुरेदना चाह सकती है।
तो सड़क पर उतरेगा महाराष्ट्र का हिंदुः राम कदम
प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता विधायक राम कदम ने कहा कि कश्मीरी पंडितों को अपने ही देश में पलायन का दंश सहना पड़ा। उन्होंने कहा कि इस फिल्म के माध्यम से इतिहास दुनिया के सामने आया है। भाजपा विधायक ने कहा कि हिंदुत्व की बात करने वाली शिवसेना क्या कांग्रेस दबाव में इस फिल्म को टैक्स फ्री नहीं कर रही है। कदम ने कहा की कांग्रेस नेताओं को केवल चुनाव के वक्त हिंदु याद आते है। उन्होंने कहा कि ठाकरे सरकार ने इस फिल्म को टैक्सी फ्री नहीं किया तो महाराष्ट्र का हिंदु सड़को पर उतरेगा।
विधानमंडल में हुई फिल्म को टैक्स फ्री करने की मांग
मुंबई भाजपा अध्यक्ष व विधायक मंगल प्रभात लोढा ने विधानसभा में कहा कि "दी कश्मीर फाईल" नाम की एक बहुत ही अच्छी फिल्म आई है। देश के कई राज्यों ने इस फिल्म को टैक्स फ्री किया है। इस लिए मैं राज्य के उपमुख्यमंत्री व वित्तमंत्री अजित पवार से मांग करता हूं कि महाराष्ट्र में भी इस फिल्म को टैक्स फ्री किया जाए। विधान परिषद में भाजपा सदस्य प्रवीण दटके ने राज्य सरकार से फिल्म "दी कश्मीर फाईल"को टैक्स फ्री करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि शिवसेना प्रमुख दिवंगत बालासाहब ठाकरे ने कश्मीरी पंडितों के प्रति सहानुभूति दिखाई थी। इसलिए सरकार "दी कश्मीर फाईल"को टैक्स फ्री करे। सोमवार को सदन में दटके ने कहा कि यह फिल्म कश्मीर में हिंदुओं पर हुए अत्याचार की भीषण सच्चाई बयान करती है। लेकिन फिल्म तथाकथित सेक्युलर लोगों को पसंद नहीं आई है। सिनेमाघर मालिक इस फिल्म का पोस्टर नहीं लगा रहे हैं। सिनेमाघरों में सीटें खाली होने के बावजूद दर्शकों को टिकट उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। सिनेमा घरों से फिल्म के पोस्टर निकाले जा रहे हैं। कई सिनेमाघरों में फिल्म के प्रदर्शन के समय आवाज बंद किया जा रहा है। दर्शकों को सिनेमाघरों में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। इसलिए सरकार फिल्म को सुचारू रूप से प्रदर्शित करने के लिए उचित कदम उठाए। फिल्म प्रदर्शित करने के लिए मुश्किल पैदा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। जिससे दर्शक फिल्म को आसानी देख सके। दटके ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी हर व्यक्ति की है। इस फिल्म को देखने का अधिकार सभी लोगों को है। इस पर सभापति रामराजे नाईक-निंबालकर ने सरकार को उचित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि कर्नाटक, हरियाणा, गुजरात और मध्यप्रदेश सरकार ने फिल्म द कश्मीर फाइल्स को टैक्स फ्री कर दिया है।
Created On :   14 March 2022 10:37 PM IST