धराशायी हुआ एमएलबी स्कूल भवन, छुट्टी होने से टला बड़ा हादसा ,10 कमरों में बैठेंगी 800 छात्राएं 

School building collapsed, students save due to holiday,  800 girls will study in ten rooms
धराशायी हुआ एमएलबी स्कूल भवन, छुट्टी होने से टला बड़ा हादसा ,10 कमरों में बैठेंगी 800 छात्राएं 
धराशायी हुआ एमएलबी स्कूल भवन, छुट्टी होने से टला बड़ा हादसा ,10 कमरों में बैठेंगी 800 छात्राएं 

डिजिटल डेस्क, शहडोल। नगर के सबसे पुराने शासकीय महारानी लक्ष्मीबाई (एमएलबी) स्कूल का भवन शुक्रवार की सुबह भर भराकर गिर गया।  गनीमत रही कि जन्माष्टमी का अवकाश था, नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था। इस घटना के लिए विभागीय लापरवाही को दोषी माना जा रहा है। 

1937 में बना था भवन

आजादी के पूर्व 1937 में बने जर्जर हो चुके स्कूल भवन को तीन साल पहले ही डिस्मेंटल योग्य पाया गया था, लेकिन ट्राइबल विभाग की लापरवाही के कारण इसे नहीं गिराया गया। खबर के माध्यम से अनेकों बार प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया गया। कलेक्टर व उपायुक्त को कई बार लिखित रूप से जर्जर भवन के बारे में अवगत कराया गया, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। भवन की कमी के कारण मजबूरी में जर्जर भवन के तीन कमरों में कक्षाएं संचालित कराई जाती रहीं। बरसात में छत टपकने के कारण कुछ दिनों से कक्षाएं दूसरे कमरों में लगती थीं। जो कमरा गिरा उसमें कार्यालय लगता था, लेकिन छात्राओं का आना-जाना लगा रहता था। इसके बाजू के सभी कमरे भी जर्जर स्थिति में हैं। एक कमरे में बोर्ड परीक्षा से संबंधित दस्तावेज व आलमारियां रखी हुई हैं। पूरा कमरा व बरामदा टपक रहा है। लकड़ी की बल्लियां सड़ चुकी हैं। इस प्रकार खतरा अभी टला नहीं हैं। बरसात चल रही है जिसके कारण जर्जर भवन कभी भी गिर सकता है। ऐसे में छात्राओं व स्टाफ के साथ अगर कोई हादसा होता है तो इसकी जवाबदारी कौन लेगा।

टेंडर प्रक्रिया नहीं हुई

जर्जर भवन के स्थान पर 9 नए कमरों के लिए शासन से 1 करोड़ 74 लाख की मंजूरी 23 अगस्त 2018 को दी जा चुकी है। इसके लिए अभी तक टेंडर प्रक्रिया नहीं कराई जा सकी है। वहीं हाई स्कूल भवन का निर्माण मियांद पूरी होने के बाद भी अधर में लटका हुआ है। 88 लाख की लागत से हाई स्कूल भवन का निर्माण कार्य जनवरी 2018 में प्रारंभ हुआ था। जिसे 6 माह में पूरा हो जाना था। यदि इन दोनों कार्यों को समय पर पूरा करने की दिशा में काम होता तो छात्राओं को बैठने के लिए परेशानी नहीं होती। 

10 कमरों में बैठेंगी 534 छात्राएं

विद्यालय में कक्षा 6 से लेकर 12 वीं तक 800 से अधिक छात्राएं दर्ज हैं। भवन की कमी के कारण विद्यालय का संचालन दो शिफ्टों में किया जा रहा है। कक्षा 6, 7, 8 वीं की कक्षाएं सुबह की शिफ्ट में तथा 9 से 12 वीं तक की कक्षाएं दोपहर 12 बजे से शुरु होती हैं। अब भवन की कमी के कारण विद्यालय प्रबंधन ने 9 व 10 वीं की कक्षाएं सुबह से संचालित करने की योजना बनाई है। यदि ऐसा होता है तो छात्राओं की संख्या 534 हो जाएगी। मौजूदा समय में 12 कमरे हैं, दो कमरों में आफिस चलाया जा रहा है। बचे हुए 10 कमरों में छात्राओं को बैठया जाएगा। यानि एक कमरे में 53 बच्चियां कैसे बैठ पाएंगी, प्रबंधन को चिंता है। मजबूरी में ऐसा करना पड़ेगा। इसके अलावा उन छात्राओं के लिए परेशानी होगी जो दूर के गांव से आती हैं। सुबह 7 बजे विद्यालय पहुंचना मुश्किल होगा। 

इनका कहना है

भवन हालत को लेकर पूर्व में अधिकारियों को अवगत कराया था। जर्जर भवन में कक्षाएं नहीं लगा सकते, इसलिए 9 व 10 वी की कक्षाएं सुबह शिफ्ट में लगाई जाएंगी। उमेश श्रीवास्तव, प्राचार्य एमएलबी स्कूल
 

Created On :   24 Aug 2019 8:04 AM GMT

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