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बिना परमिट के सड़कों पर दौड़ रहीं स्कूल वैन, देखने वाला कोई नहीं
डिजिटल डेस्क शहडोल । इंदौर में स्कूल बस हादसे के बाद भी स्कूल प्रबंधन और आरटीओ की नींद नहीं खुली है। शहर में दर्जनों की संख्या में बिना परमिट की स्कूल वैन सड़कों पर फर्राटा भर रही हैं। इतना ही नहीं ऑटो से भी बच्चों को ढोया जा रहा है। इनमें ठूस-ठूस कर बच्चों को बैठाया जाता है। दूसरा चक्कर लगाने के लिए तेज रफ्तार में गाडिय़ां दौड़ाई जा रही हैं। बच्चों के साथ हो रहे इस खिलवाड़ को देखने वाला कोई नहीं है।
सबसे बड़ी बात इंदौर हादसे के बाद शहर में अभी तक स्कूल बसों और स्कूल वैन की जांच तक शुरू नहीं हुई है। कौन सी बस चलने लायक है, किसमें स्पीड गवर्नर लगे हैं, इसके बारे में किसी को पता ही नहीं। आरटीओ से मिली जानकारी के अनुसार जिले भर में कुल 75 बसों और 10 वैन को ही स्कूल में बच्चों को लाने-ले जाने के लिए परमिट दिया गया है। जबकि दो दर्जन से अधिक वैन और ऑटो सिर्फ शहडोल शहर में ही बच्चों को ढो रहे हैं। लगभग सभी वाहनों में क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाकर नियमों की सरेआम अवहेलना की जा रही है जो बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ साबित हो सकता है।
पुरानी-कंडम वैन
शहर के स्कूलों में लगी अधिकतर वैन पुरानी और कंडम हैं। इससे भी खतरनाक यह है कि कुछ वैन गैस किट से चल रही हैं। एक-एक वैन में 10 से 15 बच्चों को बैठाया जाता है। कुछ बच्चों को तो गैस किट के ऊपर भी बैठाया जाता है। इसी तरह से ऑटो में आगे पीछे छह से सात बच्चे बैठाए जाते हैं। एक से ज्यादा स्कूलों में लगी वैन समय बचाने के चक्कर में ज्यादा तेजी से चलती हैं, क्योंकि स्कूलों का समय लगभग समान रहता है। वैन चालक भी अपनी मर्जी से वैन दौड़ाते हैं। अगर जांच की जाए तो अधिकतर के पास ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं मिलेगा। पिछले दिनों एक स्कूल वैन में आग भी लग गई थी। गनीमत थी कि धुआं निकलता देख वैन चालक ने बच्चों को उतार दिया था।
शुरू करेंगे जांच
मैं कल ही भोपाल से लौटा हूं। शुक्रवार से स्कूल बसों और वैन की जांच की जाएगी। जिनमें भी कमियां पाई जाएंगी, उनके परमिट निरस्त किए जाएंगे। अगर वैन में क्षमता से अधिक बच्चे बैठाए जा रहे हैं तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
लालता राम सोनवानी, आरटीओ
Created On :   12 Jan 2018 1:41 PM IST