जल्दी ही नागपुर यूनिवर्सिटी में बढ़ेंगी अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रमों की सीटें

Seats will increase for undergraduate courses in Nagpur University
जल्दी ही नागपुर यूनिवर्सिटी में बढ़ेंगी अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रमों की सीटें
जल्दी ही नागपुर यूनिवर्सिटी में बढ़ेंगी अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रमों की सीटें

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय से संलग्न कॉलेजों में अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में बड़ी संख्या में सीटें बढ़ने वाली हैं। अपने यहां 20 प्रतिशत सीटें बढ़ाने के लिए 92 कॉलेजों ने नागपुर विवि को प्रस्ताव भेजे हैं। विवि एक या दो दिन में इसकी मंजूरी देने वाला है। उल्लेखनीय है कि नागपुर व आस-पास के कॉलेजों में बीएससी और बी.कॉम जैसे पाठ्यक्रमों में सीटें फुल हैं। विवि द्वारा बीते दिनों अनेक कॉलेजों में नियमित शिक्षक नहीं होने से प्रथम वर्ष में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिए गए थे, जिससे प्रवेश दे रहे कॉलेजों में विद्यार्थियों की बड़ी वेटिंग लिस्ट है। पिछले कुछ वर्ष की ही तरह तकनीकी पाठ्यक्रमों को छोड़ विद्यार्थियों का रुझान बीएससी और बी.कॉम जैसे पाठ्यक्रमों की ओर है। नागपुर के अधिकांश प्रसिद्ध कॉलेजों में इन पाठ्यक्रमों की सीटें लगभग फुल हैं। ऐसे में नागपुर विश्वविद्यालय ने पाठ्यक्रमों की प्रवेश क्षमता बढ़ाने के लिए प्रस्ताव मंगाए थे। विवि को 92 कॉलेजों के प्रस्ताव मिले हैं।  पिछले वर्ष 20 प्रतिशत सीटें बढ़ाने के लिए नागपुर विवि को कुल 103 कॉलेजों ने प्रस्ताव भेजे थे। विवि ने इनकी 20 प्रतिशत सीटें बढ़ाने को मान्यता दी थी।

एक साथ दो विश्वविद्यालयों से शिक्षा

इसके अलावा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग जल्द ही नेशनल एकेडमिक क्रेडिट बैंक योजना लाने जा रहा है।  इस योजना के तहत विद्यार्थी को दो विश्वविद्यालय से पढ़ाई करने का विकल्प मिलेगा। उदहरण के लिए नागपुर विवि के किसी विद्यार्थी को अमरावती विवि या पुणे विवि या दिल्ली विवि का कोई कोर्स करना हो तो वह कर सकता है। वह अधिकतम 30 प्रतिशत क्रेडिट स्कोर अमरावती विवि से ले सकेगा। इसका प्राथमिक रिपोर्ट हमें दो सप्ताह में मिलने वाला है। संभवत: अगले शैक्षणिक सत्र से इसे लागू किया जाएगा। यूजीसी उपाध्यक्ष प्रो.भूषण पटवर्धन ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत में उच्च शिक्षा से जुड़े अनेक विषयों पर चर्चा की। कहा, चूंकि देश में  गुणवत्तापूर्ण रिसर्च को खासा बढ़ावा दिया जा रहा है। ऐेसे में देश में रिसर्च प्रणाली में सुधारों की जरुरत है। हमने तय किया है कि गहन प्रभाव रखने वाली कोई भी रिसर्च फंड की कमी का शिकार नहीं होनी चाहिए। ऐसे मंे हमने मेजर-माइनर रिसर्च प्रोजेक्ट को बदल कर "स्कीम फॉर ट्रांस-डिसिप्लिनरी रिसर्च फॉर इंडियाज डेवलपिंग इकोनॉमी" (स्ट्राइड) प्रोग्राम लाया है। इस प्रोग्राम के तहत शोधार्थी सिर्फ किसी एक डिसिप्लिन में बंध कर नहीं रहेंगे, बल्कि शोध के लिए जरूरी हो तो दूसरी मल्टी और इंडर डिसिप्लिनरी रिसर्च भी कर सकते हैं। तीन हिस्से के इस प्रोग्राम  में पहले हिस्से में स्थानीय, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय समस्याओं का समाधान देने वाली रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक विवि की प्रत्येक डिसिप्लिन को 1 करोड़ रुपए तक का फंड दिया जाएगा। दूसरे हिस्से में भारतीय नागरिकों के हितों और अर्थव्यवस्था के लिए कारगर रिसर्च पर केंद्रित रिसर्च, जिसमें यूनिवर्सिटी, सरकार, स्वयंसेवी संस्थाएं और इंडस्ट्री एक साथ जुड़ेगी, के लिए 50 लाख से 1 करोड़ रुपए तक की फंडिंग दी जाएगी। इसी तरह तीसरे हिस्से में ह्यूमेनिटिज के तहत ‘हाई-इंपैक्ट’ रिसर्च को भी बढ़ावा दिया जाएगा। फिलॉसफी, हिस्ट्री, सायकोलॉजी, लिब्रल आर्ट्स जैसे विषयों पर रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा संस्थान को 1 करोड़ और मल्टी इंस्टीट्यूशनल नेटवर्क को 5 करोड़ तक का फंड दिया जाएगा।

सेमिस्टर में बदलाव नहीं

सेमिस्टर सिस्टम में उलझे विद्यार्थियों को लेक्चर के अलावा सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए वक्त नहीं मिल पाता। बार बार इसमें बदलाव की मांग उठती है। इस पर प्रो.उपाध्याय ने साफ किया कि फिलहाल यूजीसी सेमिस्टर प्रणाली मंे किसी प्रकार के बदलाव के मूड में नहीं है। उलट उन्होंने सेमिस्टर प्रणाली को उपयोगी बताते हुए कहा कि विद्यार्थियों का वन-टाइम मूल्यांकन की जगह नियमित रूप से हर थोड़े-थोड़े अंतराल के बाद मूल्यांकन जरूरी है।

रिक्त पद बड़ी समस्या

यूजीसी ने एक प्लान तैयार किया है कि हर साल जनवरी में ही विश्वविद्यालय अपने यहां के रिक्त शिक्षक पदों की जानकारी वेबसाइट पर डाल देंगे। इसके बाद पदभर्ती के टाइमटेबल का भी उन्हें पालन करना होगा। हमारा तो नियम है कि राज्य विश्वविद्यालयों में एक तय सीमा तक पद न भरे हों, तो हम रूसा के तहत अनुदान ही जारी नहीं करते। लेकिन इसे हम सख्ती से पालन नहीं करते, ताकि रिसर्च न रुके। लेकिन सरकारों को पदभर्ती को प्राथमिकता देनी ही होगी। 

 

Created On :   5 Aug 2019 8:17 AM GMT

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