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पुलिसकर्मी की कोरोना से हुई मौत मामले में दूसरी पत्नी की बेटी को भी मिलेगा आधा मुआवजा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कोरोना के चलते मौत का शिकार हुए पुलिसकर्मी की दूसरी पत्नी की बेटी को मुआवजे की राशि में हिस्सा देने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने 60 लाख रुपए से अधिक की मुआवजे राशि को तीन हिस्सों में बाटने को कहा है। जिसमें एक हिस्सा पुलिसकर्मी की पहली पत्नी व दूसरा हिस्सा उसकी बेटी तथा तीसरा हिस्सा पुलिसकर्मी की दूसरी पत्नी की बेटी को देने का निर्देश दिया है। अदालत ने फिलहाल पुलिसकर्मी की दूसरी पत्नी को कोई राहत नहीं दी है और मामले को आपसी सहमति से सुलझाने का सुझाव दिया है। शुक्रवार को न्यायमूर्ति एस जे काथावाला व न्यायमूर्ति माधव जामदार की खंडपीठ के सामने इस मामले की प्रत्यक्ष सुनवाई हुई। इस दौरान मामले से जुड़े सभी पक्षकार कोर्ट में उपस्थित थे। पिछली सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने मुआवजे की राशि कोर्ट में जमा करने का निर्देश दिया था। इसी मुआवजे की राशि को तीन हिस्सों में बराबर-बराबर बाटने का निर्देश दिया गया है। खंडपीठ ने कहा कि हम पुलिसकर्मी के सेवानिवृत्ति से जुड़े लाभ के बारे में अगली सुनवाई के दौरान यानी 11 सितंबर 2020 को विचार करेंगे।
मुआवजा राशि को तीन हिस्सों में बांटने का निर्देश
रेलवे पुलिस के अधिकारी सुरेश हटनकर की दूसरी पत्नी की बेटी ने मुआवजे में हिस्सा दिए जाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की हैं। सुनवाई के दौरान हटनकर की पहली पत्नी ने याचिका का विरोध किया था। इसके बाद कोर्ट ने राज्य सरकार को हटनकर से जुड़ा सारा आधिकारिक रिकॉर्ड कोर्ट में पेश करने को कहा था। इससे पहले खंडपीठ ने कहा था कि सिर्फ पहली पत्नी मुआवजे का दावा करने का हक रखती है। जीआरपी में सहायक पुलिस उपनिरीक्षक के रुप में तैनात हटनकर का 30 मई 2020 को कोरोना के चलते निधन हो गया था। इसलिए केंद्र सरकार व रेलवे की ओर से उनके परिजनों के लिए मुआवजा मिला है। हटनकर ने 1992 में पहला विवाह किया था। जबकि दूसरी महिला से 1998 में शादी की थी। लेकिन दोनों महिलाए हटनकर की मौत तक यह नहीं जानती थी कि उसके पति ने दो विवाह किया है।
Created On :   4 Sept 2020 9:39 PM IST