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एनआईए के हाथ लगी सचिन वाझे की डायरी में छुपे हैं वसूली के राज !
डिजिटल डेस्क, मुंबई। एंटीलिया विस्फोटक मामले में गिरफ्तार निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाझे के ऑफिस से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के हाथ जो डायरी लगी थी उससे वाझे के साथ-साथ राज्य सरकार भी मुश्किल में फंस सकती है। इस डायरी में कोड भाषा का इस्तेमाल करते हुए कुछ बातें लिखी गईं हैं। एनआईए को शक है कि वाझे ने डायरी में बार, पब और दूसरे प्रतिष्ठानों से की गई वसूली की जानकारी दर्ज की है। इस डायरी में एल, के और वी जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया है। शक है कि लाख के लिए एल, हजार के लिए के और विभाग के लिए वी शब्द की इस्तेमाल किया गया है। एनआईए अधिकारी विशेषज्ञों की मदद से इस कोड को समझने की कोशिश कर रहे हैं। इस डायरी के जरिए एनआईए वाझे को हफ्ता देने वालों तक पहुंच सकती है। शातिर वाझे वसूली की जानकारी ऑनलाइन नहीं रखता था और सिर्फ डायरी में ही इसे कोड भाषा में दर्ज करता था। बता दें कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने आरोप लगाया है कि गृहमंत्री अनिल देशमुख वाझे के जरिए मुंबई में बार, पबों और दूसरे संस्थानों से हर महीने 100 करोड़ रुपए की वसूली करवाते थे। छानबीन में इस बात की भी सबूत मिल रहे हैं कि वाझे के मध्य पूर्व देशों में सक्रिय सट्टेबाजी गिरोह किंग्स के साथ भी संबंध थे। वह दक्षिण मुंबई के एक होटल में फर्जी आधार कार्ड के सहारे बुकिंग कर अवैध गतिविधियों को संचालित करता था। सुशांत सदाशिव खामकर नाम से वाझे ने फर्जी आधार कार्ड बनाया था। जिसका वह ड्राइडेंट होटल में ठहरने के लिए इस्तेमाल करता था।
शिंदे भी करता था वसूली
कोरोना संक्रमण के चलते लखनभैया फर्जी एनकाउंटर मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व कांस्टेबल विनायक शिंदे को मई 2020 में पैरोल मिली तो उसने वाझे से संपर्क किया और कोई काम देने को कहा। इसके बाद वाझे ने उसे जबरन वसूली का जिम्मा सौंपा। शिंदे को 32 बीयर बारों से हर महीने हफ्ता वसूली करने को कहा गया था। वहीं एनआईए ने शिंदे के घर से एक प्रिंटर जब्त किया है। शक है कि इसी प्रिंटर की मदद से स्कॉर्पियों से बरामद धमकी भरे पत्र का प्रिंटआउट निकाला गया था। इस पत्र में अंबानी परिवार को धमकी दी गई थी।
Created On :   23 March 2021 7:23 PM IST