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पॉजिटिव सोच के साथ मरीजों की सेवा, फिर कोविड वार्ड में करना चाहते हैं ड्यूटी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोविड वार्ड में ड्यूटी करना बहुत साहस का काम है। दिन में 7-8 घंटे मरीजों के संपर्क में रहने से संक्रमण का खतरा होता है। इसके बावजूद यहां ड्यूटी कर चुकी नर्सें फिर से इस वार्ड में ड्यूटी करने के लिए तैयार हैं। कोविड वार्ड में पूरे समय पीपीई किट पहन कर काम करना पड़ता है। उस समय न तो वॉशरूम जा सकते हैं और न ही पानी पी सकते हैं। इनके लिए वार्ड के बाहर एक फीडबैक बुक ‘अभिप्राय’ रखा गया है, जिसमें नर्सें कोविड वार्ड के अनुभवों को लिखती हैं। वार्ड में ड्यूटी करने से पहले इन नर्सों की काउंसलिंग की जाती है, ताकि वे जज्बे के साथ पॉजिटिव रहकर अपनी ड्यूटी कर सकें।
ड्यूटी से पहले होती है काउंसलिंग
मेडिकल नर्सिंग सुपरिंटेंडेंट मालती डोंगरे ने बताया कि कोविड वार्ड में ड्यूटी लगाने से पहले नर्सों की काउंसलिंग की जाती है, ताकि वे मानसिक रूप से ड्यूटी के लिए तैयार हो जाएं। कोविड वार्ड के लिए लगभग 400 नर्सों की ड्यूटी तय की गई है। जो रोटेशन के अनुसार काम करती हैं। जबसे शहर में कोरोना का संक्रमण हुआ है, तबसे नर्सें अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रही हैं। कई नर्सें जो कोविड वार्ड में ड्यूटी कर चुकी हैं।
यादगार अनुभव है
कोविड वार्ड में ड्यूटी कर चुकी नर्सों का कहना है कि वार्ड में कई तरह के मरीज हैं। कुछ मरीज रोते हैं कि उनके परिवार का कोई सदस्य नहीं हैं, तब उन्हें सांत्वना देते हैं कि यह पूरा वार्ड ही उनका परिवार है। कोविड के मरीजों को सबसे ज्यादा अकेलापन ही भारी लगता है, लेकिन वार्ड का माहौल इतना हेल्दी और पॉजिटिव रखा जाता है कि मरीज ठीक होकर धन्यवाद देते हैं। काउंसलिंग के दौरान पूरी तरह से ड्यूटी के लिए तैयार किया जाता हैं। नर्सों का कहना हैं कि फीडबैक बुक में हमने अनुभव लिखे हैं। कोविड वार्ड में ड्यूटी करना यादगार अनुभव है। पहले जब परिवार वालों को पता चला कि कोविड वार्ड में ड्यूटी है, तो सभी ने मना कर दिया। कुछ नर्सों के घर में छोटे बच्चे और बुजुर्ग हैं, ऐसे में कोविड वार्ड में ड्यूटी करना उनके लिए भी एक चुनौती से कम नहीं है।
Created On :   7 Jun 2020 3:51 PM IST