मध्यप्रदेश की बारिश का असर, अमरावती के कई गांव का संपर्क टूटा

Several small dams of Amravati were overflowed due to rain in mp
मध्यप्रदेश की बारिश का असर, अमरावती के कई गांव का संपर्क टूटा
मध्यप्रदेश की बारिश का असर, अमरावती के कई गांव का संपर्क टूटा

डिजिटल डेस्क, वरुड़/अमरावती। मध्यप्रदेश में हो रही बारिश के चलते अमरावती के कई लघु बांध ओवर फ्लो हो गए हैं। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों का संपर्क पिछले दो दिनों से टूट गया है। बतादें कि वरुड़ तहसील समेत जिले के अधिकांश हिस्सों में बारिश का कहीं भी नामोनिशान नहीं दिखायी दे रहा है। फिर भी कुछ हिस्सों में बुधवार और गुरुवार की सुबह लंबे अंतराल के बाद बारिश ने दस्तक दी। हालांकि बारिश जितनी देर हुई उस बारिश से छोटे प्रकल्प उफान पर नहीं आए, बल्कि मध्यप्रदेश में हो रही मूसलाधार और लगातार बारिश के चलते वरुड़ तहसील से बहने वाली नदियों पर बने छोटे बड़े प्रकल्प ओवर फ्लो हो चुके हैं। उनमेें नागठाणा और शेकदरी प्रकल्प का समावेश हैं। वहीं दूसरी ओर जिले के मोर्शी तहसील के सिंभोरा परिसर में स्थित अपर वर्धा प्रकल्प में जलस्तर नहीं बढ़ पा रहा है। जिससे मोर्शी शहरवासियों को एक दिन के अंतराल से जलापूर्ति की जा रही है। अपरवर्धा प्रकल्प में जलास्तर कम होता जा रहा है। 

बारिश के आंकडों पर नजर डाली जाए तो जिले में विगत वर्ष 1 जून से 11 सितंबर तक 727 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। इस वर्ष 458.4 मिमी बारिश दर्ज की गई है। वहीं 11 सितंबर तक जिले के सबसे बड़े प्रकल्प उध्र्व वर्धा सहित मध्यम प्रकल्प शहानुर, चंद्रभागा, पूर्णा, सपन सहित कुल 82 प्रकल्पों में वर्तमान स्थिति में जलाशयों में 505.39 दलघमी (55.84 फीसदी) जलसंग्रह दर्ज किया गया है। विगत वर्ष 11 सितंबर 2016 तक जलाशयों में 834.10 दलघमी (92.15 फीसदी) जलसंचय दर्ज किया गया था। उस समय जिले के लगभग सभी जलाशय लबालब हो चुके थे। नदी, नाले उफान की स्थिति में थे। इस वर्ष जिले के उध्र्व वर्धा प्रकल्प में जलस्तर 339.81 मी., जलसंचय 348.15 दलघमी (61.72 फीसदी), शहानुर प्रकल्प में जलस्तर 435.50 मीटर, जलसंचय 15.91 दलघमी (34.56 फीसदी) शहानूर के पिछले कुछ सप्ताह के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो इसका जलस्तर घटता ही जा रहा है। चंद्रभागा प्रकल्प में जलस्तर 499.15 मीटर, जलसंचय 22.15 दलघमी (53.70 फीसदी), पूर्णा प्रकल्प में जलस्तर 448.81 मीटर, जलसंचय  19.15 दलघमी (54.14 फीसदी) तथा सपन प्रकल्प में जलस्तर 505.90 मीटर, जलसंचय 32.15 दलघमी (59.97 फीसदी) दर्ज किया गया है।  इसके अलावा कुल 77लघु प्रकल्प में जलसंचय 76.88 दलघमी (48.75 फीसदी) दर्ज किया गया है। वहीं विगत वर्ष 11 सितंबर 2016 तक जिले के जलाशयों की स्थिति पर नजर डाली जाए तो जलाशय उफान पर थे। विगत वर्ष  उध्र्व वर्धा प्रकल्प में जलसंचय 556.64 दलघमी (98.69 फीसदी), शहानुर प्रकल्प में  जलसंचय 40.25 दलघमी (87.82 फीसदी), चंद्रभागा प्रकल्प में  जलसंचय 39.23 दलघमी (95.10 फीसदी), पूर्णा प्रकल्प में जलसंचय 33 दलघमी (93.30फीसदी) तथा सपन प्रकल्प में जलसंचय 33.96 दलघमी (87.98फीसदी) दर्ज किया गया है।  इसके अलावा कुल 77 लघु प्रकल्प में जलसंचय 131.2दलघमी (72.86 फीसदी) दर्ज किया गया था। विगत वर्ष के मुकाबले इस वर्ष जिले के उध्र्व वर्धा इस बड़े प्रकल्प के साथ ही 4 मध्यम प्रकल्प एवं 77 लघु प्रकल्प का जलस्तर एवं जलसंचय इस वर्ष उम्मीद के मुताबिक नहीं बढ़ पाया है। जिसके चलते जिले में अब भी बारिश के लिए दुआएं मांगी जा रही है।

Created On :   15 Sept 2017 3:45 PM IST

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