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सौंदर्यीकरण के लिए खोदा गांधीसागर तालाब में जमा हो रहा सीवेज का पानी
डिजिटल डेस्क, नागपुर. राज्य सरकार और मनपा की विशेष निधि से सौंदर्यीकरण और तालाब गहराईकरण योजना करोड़ों रुपए खर्च कर तैयार की गई थी, किन्तु कंपनी के उदासीन कार्यप्रणाली के कारण तालाब सौंदर्यीकरण और मजबूतीकरण कार्य को कोई प्रतिसाद नहीं मिल रहा है। इसे लेकर स्थानीय संस्थाओं में आक्रोश है। गांधीसागर उद्यान कल्याणकारी संस्था के अध्यक्ष राजेश कुंभलकर ने बताया कि वर्क ऑर्डर अनुसार गांधीसागर तालाब और मजबूतीकरण सौंदर्यीकरण कार्य होता नहीं दिख रहा है। तालाब का मलबा और मिट्टी अनेक स्थानों से निकाला नहीं गया है। तालाब में सीवर लाइन का गंदा पानी जमा हो रहा है। काम का स्वरूप और कीमत के फलक और भविष्य में गांधीसागर कैसे बनेगा, इस बाबत कोई नक्शा भी प्रकाशित नहीं किया गया। कंपनी जिस धीमी गति से काम कर रही है, उससे मालूम पड़ता है कि हर साल बारिश आएगी और हर साल कंपनी अपना टेंडर बढ़ाकर मांगेगी। यह परंपरा लगातार शुरू रही तो जनता के पैसों की बर्बादी होगी। प्रशासन को इसे गंभीरता से लेने की गांधीसागर उद्यान कल्याणकारी संस्था ने आह्वान किया है।
टीन से दुर्घटनाओं की आशंका
जिस जगह सौंदर्यीकरण का काम शुरू है, वहां रास्ते के तीनों तरफ नियमबाह्य पद्धति से लोहे के टीन लगाए गए हैं। तालाब के बाजू में टाटा पारसी स्कूल के छोटे बच्चे साइकिल व गाड़ियों से आना जाना करते हैं। ट्रैफिक ज्यादा है। टीन जिस तरीके से लगाए गए हैं, उससे दुर्घटना होने की आशंका है। जिस कारण टीन निकालकर वहां जाली लगाई जाए। कार्य के चलते प्राचीन गणपति मंदिर के सामने का हिस्सा बंद किया गया है, जिससे दर्शन नहीं होता है। सामने के लिए यह हिस्सा खोला जाए। सौंदर्यीकरण के नाम पर पिछले दो-तीन वर्ष से पागे उद्यान बंद है। इन सभी समस्याओं को लेकर गुरुवार को संस्था का एक शिष्टमंडल अतिरिक्त आयुक्त राम जोशी से मिला है। अतिरिक्त आयुक्त को सभी समस्याओं से अवगत कराते हुए जल्द इसके निराकरण की मांग की गई। राम जोशी ने समस्याओं को समझकर संबंधित अधिकारी को तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए। शिष्टमंडल में राजेश कुंभलकर, एड. संजय नारेकर, दीपक जैस्वाल, संजय पाटील, चैतन्य मडेलवार, राजा खान, नंदू लेकुरवारे, हेमंत बेहेरखेडे, देवेंद्र नेरकर उपस्थित थे।
Created On :   27 Nov 2022 4:04 PM IST