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मरीजों के भोजन में भी फर्जीवाड़ा : खपत 1 सिलेंडर की 3 का हो रहा भुगतान
डिजिटयल डेस्क शहडोल । मरीजों के लिए बनने वाले भोजन में भी फर्जीवाड़ा करने वाले आडिट में नहीं बच सके। महालेखागार ग्वालियर द्वारा किए गए आडिट में जिला अस्पताल के किचिन में रसोई गैस में फर्जीवाड़ा पकड़ा गया। एक सिलेंडर की खपत पर तीन सिलेंडर की राशि का एक ही बिल में भुगतान किया गया। जिसमें 159193 रुपये का ज्यादा भुगतान किया गया। संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं भोपाल ने जब आरएमओ डॉ.जी.एस.परिहार को अनुशासनात्मक कार्यवाही का नोटिस दिया तब पता चला कि आरएमओ के फर्जी हस्ताक्षर करके यह खेल किया जाता रहा है। जब यह मामला सामने आया तो स्टीवर्ड द्वारा अंतर की राशि शासन के खाते में जमा कराई गई।
यह है मामला-
उप संचालक संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं द्वारा जारी नोटिस के अनुसार महालेखागार ग्वालियर के पत्र के द्वारा प्रारूप कंडिका 8/2013 से 5/2015 के अनुसार उक्त अवधि में क्रय किए गए गैस सिलेंंडरों में वास्तविक मूल्य से अधिक का भुगतान होना पाया गया। एक सिलेंडर के स्थान पर दो सिलेंडर की कूट रचना कर 320 सिलेंडरों का क्रय दर्शाकर 315284 रुपये का आहरण किया जाकर भुगतान किया गया। 167 गैस सिलेंडर वास्तविक रूप से क्रय किए गए। 167 सिलेंडरों के गैस एजेंसी से प्राप्त 167 सिलेंडरों के वास्तविक मूल्य 162217 रुपये के स्थान पर कैशमेमों में कांट-छांटकर 320 सिलेंडरों 321410 रुपये भुगतान किया गया। नोटिस में लेख किया गया है कि आरएमओ द्वारा स्टीवर्ड एस.एन.पाठक को 159193 रुपये का अधिक भुगतान कराया गया।
आरएमओ की सील में किसके हस्ताक्षर
बताया गया है कि नोटिस मिलने पर आरएमओ भी भौंचक रह गए। जब उन्होने दस्तावेज देखे तो पता चला कि उनके हस्ताक्षर नहीं हैं। आरएमओ डॉ.जी.एस.परिहार ने बताया कि उन्होने अपना जवाव संचालनालय को भेज दिया है। जो भुगतान किया गया है उसमें सील तो आरएमओ की है पर हस्ताक्षर उनके नहीं है। डॉ.परिहार ने संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं भोपाल से अनुरोध किया है कि उनके आरएमओ रहते जो भी भुगतान हुआ है उन सभी की जांच कराई जाए।
जवाब देने से बचते रहे अधिकारी
इस नोटिस के बारे में जब सीएमएचओ और जिला अस्पताल के सिविल सर्जन से चर्चा की गई तो वे जवाब देने से बचते रहे। सीएमएचओ डॉ.राजेश पांडेय का कहना था कि यह सिविल सर्जन के क्षेत्राधिकार का मामला है। वहीं सिविल सर्जन डॉ.एन.के.सोनी का कहना था कि ऐसा कोई नोटिस उनके संज्ञान में नहीं है।
Created On :   21 Sept 2017 12:48 PM IST