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शहडोल विश्वविद्यालय को मिलेगी आसपास की शासकीय जमीन
डिजिटल डेस्क शहडोल । पं शंभूनाथ यूनिवर्सिटी की नवलपुर में निर्माणाधीन इमारत के आसपास की शासकीय भूमि प्रबंधन को सौंपी जाएगी। छात्र संख्या व संस्था संचालन के हिसाब से वर्तमान में यूनिवर्सिटी की जमीन को शहडोल कमिश्नर ने नाकाफी बताया है। रविवार को नवलपुर में बिल्डिंग निरीक्षण के दौरान कमिश्नर रजनीश श्रीवास्तव ने ये निर्देश जारी किये हैं। इस दौरान कुलपति प्रो. मुकेश तिवारी, वरिष्ठ प्राध्यापक भारत शरण सिंह, रजिस्ट्रार विनय सिंह, सीसीएफ अशोक जोशी, कलेक्टर नरेश पाल सहित राजस्व अमला मौजूद रहा।
रविवार को नवलपुर यूनिवर्सिटी कैम्पस पहुंचे कमिश्नर ने निर्माण एजेंसी से निर्माणाधीन एकाडमिक, प्रशासनिक, लाईब्रेरी भवन के बारे में पूछताछ की। कार्य की गुणवत्ता व समय सीमा को लेकर सुधार के निर्देश दिये। कमिश्नर श्रीवास्तव ने कहा आगामी छात्र संख्या के हिसाब से जमीन का रकबा कम है। उन्होंने एसडीएम सोहागपुर को आरआई, पटवारी के साथ आसपास की शासकीय जमीन जांच करने के निर्र्देश दिये। साथ ही रिक्त पड़ी शासकीय भूमि को विश्वद्यालय के हस्तांतरण करने कुलपति को प्रस्ताव भेजने के लिए कहा। बता दें कि युनिवर्सिटी का नया भवन नवलपुर के 43 एकड़ रकबे में 54 करोड़ की लागत से बनाया जा रहा है। 44 की लागत से भवन का कार्य होगा, वहीं 11 करोड़ से फर्नीचर तथा आंतरिक साज सज्जा की व्यवस्था की जानी है।
खंगाले जायेंगे पांच दशक पुराने पट्टे
पं. शंभूनाथ शुक्ल युनिवर्सिटी में वर्तमान छात्र संख्या क्षमता तकरीबन पांच हजार है। धीरे-धीरे कोर्स व कार्य क्षेत्र में बढ़ोत्तरी होगी जबकि नवनिर्मित यूर्निवर्सिटी कैम्पस का रकबा 43 एकड़ ही है। कमिश्नर ने इसे प्राथमिकता में लेते हुए कहा यूनिवर्सिटी की आगामी कार्ययोजना को देखते हुए यह रकबा कम से कम 100 एकड़ तक विस्तारित किया जाना जरूरी है। इसके लिए आसपास की शासकीय भूमि के साथ ही निजी पट्टा आराजी वाली जमीन की भी जांच होगी। 1959 के बाद से लैण्ड रिकार्ड परखे जायेंगे। श्रुटि रहित पट्टों को शासकीय घोषित किया जायेगा।
लगेंगे रंग-बिरंगे मौसमी पौधे
निरीक्षण के दौरान परिसर में पौध रोपण को लेकर सीसीएफ आशोक जोशी से रंगीन सीजनल पौधे को लेकर कार्ययोजना बनाने की बात कही। उन्होंने विशेषज्ञों के माध्यम से पूरे परिसर में पौधरोपण के निर्देश दिये। ताकि भविष्य में इमारत को पेड़ पौधों के माध्यम से तापमान मेंटनेंट में मदद मिले। उन्होंने कहा पौधे भी ऐसे लगाये जाएंगे जो बारिश के साथ सूखे मौसम में भी भवन को चारों तरफ से सुशोभित करेंगे। पौधरोपण के साथ-साथ भवनों में शौर्य ऊर्जा के पैनल, उच्च गुणवत्ता की निर्माण सामग्री, विद्युत व सभी भवनों में वाटर हारवेस्टिंग सिस्टम लगाने के निर्देश दिये।
Created On :   9 April 2018 1:20 PM IST