शीना बोरा हत्याकांड : सरकारी गवाह ने मां की देखभाल के लिए मांगी पेरोल

Sheena Bora murder : Government witness demand payroll to care of mother
शीना बोरा हत्याकांड : सरकारी गवाह ने मां की देखभाल के लिए मांगी पेरोल
शीना बोरा हत्याकांड : सरकारी गवाह ने मां की देखभाल के लिए मांगी पेरोल

डिजिटल डेस्क, मुंबई। शीना बोरा हत्याकांड मामले में सरकारी गवाह श्यामवर राय ने जेल से सीबीआई कोर्ट को पत्र लिखा है। पत्र में राय ने कहा है कि उसकी मां बीमार है इसलिए उसे एक महीने के लिए पेरोल पर छोड़ा जाए। ताकि वह अपनी मां की देखरेख कर सके। तीन साल से जेल में बंद राय ने पत्र में कहा है कि उसकी मां गांव में अकेले रहती है और उसे इलाज की तुरंत जरुरत है।  गांव में मां की देखरेख करनेवाला कोई नहीं है। इसके अलावा मेरी बेटी की परीक्षा भी नजदीक है। उसे गांव में मार्गदर्शन देनेवाला कोई नहीं है। इसलिए उसके पेरोल के आवेदन पर तुरंत फैसला लिया जाए। 

राय ने कोर्ट को लिखा पत्र

सीबीआई कोर्ट में न्यायाधीश जेसी जगदाले के सामने शीना बोरा हत्याकांड मामले की सुनवाई चल रही है। इस मामले में इंद्राणी मुखर्जी व पूर्व मीडिया दिग्गज पीटर मुखर्जी व इंद्राणी के पूर्व पति संजीव खन्ना को आरोपी बनाया गया है। श्यामवर राय इंद्राणी का ड्राइवर था। शुरुआत में उसे भी इस मामले में आरोपी बनाया गया था बाद में उसे इस मामले में सरकारी गवाह बना लिया गया है। न्यायाधीश ने राय के पत्र पर गौर करने के बाद सीबीआई को इस मामले में जवाब देने का निर्देश दिया है और मामले की सुनवाई 4 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी है। 

पत्नी को जलाकर मारनेवाले पति की सजा बरकरार

उधर बांबे हाईकोर्ट ने शराब खरीदने के लिए पैसे न देने पर पत्नी को जलाकर मारनेवाले पति की अजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा है। पुणे की निचली अदालत ने इस मामले को आरोपी पीजी धूमल को पत्नी की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। जिसके खिलाफ धूमल ने हाईकोर्ट में अपील की थी। न्यायमूर्ति अभय ओक व न्यायमूर्ति  सारंग कोतवाल की खंडपीठ के सामने अपील पर सुनवाई हुई। इस दौरान आरोपी की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने दावा किया कि उनके मुवक्किल को इस मामले में फंसाया गया है। इसके अलावा मेरे मुवक्किल की पत्नी का मृत्यु से पूर्व जो बयान लिया गया वह हेड कांस्टेबल स्तर के अधिकारी ने लिया है। जबकि यह बयान विशेष कार्यकारी मैजिस्ट्रेट को दर्ज करना चाहिए। इसके अलावा मृत्य पहले जब मेरे मुवक्किल की पत्नी का बयान दर्ज किया गया तो उस समय वहां पर उसके(पत्नी) रिश्तेदार मौजूद थे। इसलिए मेरी मुवक्किल  की पत्नी के मृत्युपूर्व दिए गए बयान को प्रमाणिक नहीं माना जा सकता है। वहीं अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि आरोपी ने पहले अपनी पत्नी से शराब खरीदने के लिए पैसे मांग। जब  पत्नी ने पैसे नहीं दिए तो वह घर से चला गया और कुछ समय बाद दोबारा घर आया और नशे की हालत में पत्नी पर मिट्टी का तेल डालकर उसे जला दिया। इस घटना के बाद पीड़िता को अस्पताल ले जाया गया जहां उसका 89 प्रतिशत शरीर जला हुआ पाया गया। इलाज के दौरान पीड़िता की मौत हो गई। मृत्यु से पहले पीड़िता की ओर से दिया गया बयान आरोपी के अपराध को साबित करता है। मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि अभियोजन पक्ष ने आरोपी पर लगे आरोपों को संदेह के परे जाकर साबित किया है। इसलिए आरोपी की ओर से की गई अपील को खारिज किया जाता है और निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा जाता है। 
 

Created On :   26 Feb 2019 4:21 PM GMT

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