शिवसेना-भाजपा में सीएम पद को लेकर छिड़ी जंग, पाटील बोले- जिसके ज्यादा एमएलए उसकी कुर्सी, अठवले नाराज

Shiv Sena - BJP battle for Chief Ministers post, Patil said- more party MLAs make CM
शिवसेना-भाजपा में सीएम पद को लेकर छिड़ी जंग, पाटील बोले- जिसके ज्यादा एमएलए उसकी कुर्सी, अठवले नाराज
शिवसेना-भाजपा में सीएम पद को लेकर छिड़ी जंग, पाटील बोले- जिसके ज्यादा एमएलए उसकी कुर्सी, अठवले नाराज

डिजिटल डेस्क, मुंबई। अब तक भाजपा पर लगातार हमले बोल रही शिवसेना के युति की घोषणा के बाद सूर बदल गए हैं। दोनों दलों के गठबंधन की आलोचना करने वालों पर बरसते हुए पार्टी ने कहा है कि शिवसेना झुकी नहीं है। राम मंदिर और ‘शिवसेना का मुख्यमंत्री’ पर सकारात्मक जवाब के बाद पार्टी गठबंधन को तैयार हुई है। पार्टी ने कहा है कि तलवार की धार बरकरार है और हमारी तलवार म्यान में बंद नहीं हुई है। पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित संपादकीय के माध्यम से शिवसेना ने कांग्रेस-राकांपा की आलोचना का जवाब भी दिया है और इस बात पर सफाई पेश की है इतनी राजनीतिक अदावत के बावजूद वह भाजपा से गठबंधन को क्यो तैयार हुई। बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार का उल्लेख करते हुए कहा है कि नीतिश दो बार एनडीए से बाहर हुए फिर साथ आए। पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की तारीफ करने वाली शिवसेना ने कहा कि 2014 की तुलना में राहुल की प्रगति पुस्तक में अवश्य सुधार आया है। अब प्रियंका भी उनके साथ हैं। लेकिन उनकी तुलना मोदी के नेतृत्व से नहीं की जा सकती। पार्टी ने कहा कि दबाव और दमन क भूतों को हमने कभी अपने कंधे पर बैठने नहीं दिया। हमने अपनी शान बनाए रखी है। शिवसेना सत्ता के लिए लाचार नहीं है। युति के संयोजन के लिए नई व्यवस्था बनी है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह खुद मातोश्री आए। हमें जो कहना था ठाकरे शैली में कह दिया। इसके बाद युति को एक और मौका देने का निर्णय लिया गया।    

मुख्यमंत्री पद को लेकर शिवसेना-भाजपा में शुरु हुई जंग

शिवसेना-भाजपा के बीच गठबंधन की घोषणा के अभी 48 घंटे भी नहीं बीते की मुख्यमंत्री पद को लेकर दोनों दलों में विवाद शुरु हो गया है। बुधवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता व राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील ने कहा कि जिसके ज्यादा विधायक जीत कर आएंगे, उसका मुख्यमंत्री होगा। पाटील के इस बयान से शिवसेना नाराज हो गई है। शिवसेना नेता व पर्यावरण मंत्री रामदास कदम ने कहा कि ढाई-ढाई मुख्यमंत्री पद के फार्मूले पर गठबंधन हुआ है। यदि भाजपा को यह फार्मूला मान्य नहीं तो अभी भी युति तोड़ सकते हैं। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह व शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में हुई युति की घोषणा के वक्त कहा गया था कि सत्ता आने पर समान बंटवारा होगा। हालांकि मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई स्पष्ट घोषणा नहीं की गई थी। अब भाजपा नेता पाटील ने कहा है कि जिस पार्टी के ज्यादा विधायक होंगे, उसी दल का मुख्यमंत्री होगा। जबकि कदम कह रहे है कि मुख्यमंत्री पद का बंटवारा ढाई-ढाई साल के लिए होगा। कदम ने कहा कि अब गठबंधन हो गया है तो पाटील को इस तरह की बयानबाजी नहीं करनी चाहिए। उन्होंने पाटील को सलाह दी कि वे इस बारे में पहले अमित शाह और फडणवीस से सलाह लें।   

आठवले ने कहा गठबंधन में आरपीआई को किया गया नजरअंदाज

भाजपा-शिवसेना के बीच सीटें आपस में बांट लेने से सहयोगी पार्टी आरपीआई (आठवले) नाराज हो गई है। केंद्रीय मंत्री और पार्टी प्रमुख रामदास आठवले ने कहा कि शिवसेना और भाजपा के बीच युती के लिए वे खुद कोशिश कर रहे थे। उन्हें गठबंधन पर खुशी है लेकिन जिस तरह दोनों पार्टियों ने लोकसभा की सीटें आपस में बांटकर आरपीआई को नजरअंदाज किया है उससे उनके साथ-साथ पार्टी के कार्यकर्ता भी नाराज हैं। आठवले ने कहा कि 2014 लोकसभा चुनावों में आरपीआई के लिए सातारा सीट छोड़ी गई थी। 2019 लोकसभा चुनाव के लिए मेरी दक्षिण मध्य मुंबई लोकसभा सीट से लड़ने की इच्छा थी। इसके बावजूद आरपीआई के बारे में विचार किए बिना दोनों पार्टियों ने आपस में सीटें बांट ली। आठवले ने कहा कि जिस तरह दोनों पार्टियों ने उनकी मांग नजरअंदाज किया है, उससे उनकी पार्टी के कार्यकर्ता नाराज हैं। इसलिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे को सोच विचार कर आरपीआई के लिए के सीट छोड़नी चाहिए। 
 

Created On :   20 Feb 2019 8:53 PM IST

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